विश्व स्वदेशी लोग दिवस (world' indigenous peoples day) स्वदेशी लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रतिवर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है। 1982 में संयुक्त राष्ट्र ने आदिवासियों के कल्याण के लिए एक कार्य समूह का गठन किया, जिसकी बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई। तब से संयुक्त राष्ट्र ने अपने सदस्य देशों में हर साल 9 अगस्त को 'विश्व आदिवासी दिवस' मनाने की घोषणा की।
विश्व आदिवासी दिवस कैसे मनाया जाता है?
हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है, दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदाय सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
अपनी सभ्यताओं और रीति-रिवाजों को उत्सव के रूप में मनाकर सामूहिक रूप से खुशी व्यक्त करते हैं।
आदिवासी समुदाय प्रकृति पूजक हैं। इन दिनों खुशी के अवसर पर प्रकृति के सभी जीव-जंतुओं, पर्वतों, नदियों, झरनों, खेतों, सूर्य, चंद्रमा, आदि की पूजा की जाती है। आदिवासी समुदायों का मानना है कि प्रकृति की हर चीज़ में जीवन है।
यह आयोजन उन उपलब्धियों और योगदानों को भी मान्यता देता है जो स्वदेशी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व मुद्दों को सुधारने के लिए करते हैं।
भारत के किस राज्य में कितने आदिवासी रहते हैं?
झारखंड 26.2%
पश्चिम बंगाल 5.49%
बिहार 0.99%
उत्तर प्रदेश 0.07%
अरुणाचल 68.08%
त्रिपुरा 31.08%
मिजोरम 94.04%
मणिपुर 35.01%
सिक्किम 33.08%
मेघालय 86.01%
नागालैंड 86.05%
असम 12.04%
विश्व में आदिवासियों की जनसंख्या कितनी है?
दुनिया में 370 मिलियन आदिवासी लोग रहते हैं, जो हमेशा अपनी सभ्यता और रीति-रिवाजों का बारीकी से पालन करते हैं। भारत में आदिवासियों का संवैधानिक नाम अनुसूचित जनजाति है। 2011 की जनगणना के अनुसार जिनकी जनसंख्या 10.45 करोड़ है, जो भारत की जनसंख्या का 8.6% है।
भारत के प्रमुख आदिवासी समुदाय मुंडा, बोडो, भील, ओरांव, लोहार, परधान, खासी, सहरिया, गोंड, खड़िया, हो, संथाल, मीना, बिरहोर, पारधी, अंध, टोकरे, मल्हार, कोली, ताकणकर आदि हैं।