CUET में फिर होंगे बड़े बदलाव – Big changes will happen again in CUET 

2022 से शुरू हुए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET-UG) की शुरुआत से ही कुछ न कुछ सवाल सामने आते रहे है। 2024 में इस टेस्ट को हाईब्रिड मोड में किया गया और अब 2025 में एग्जाम के चौथे वर्ष में फिर से एक बार बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 

परीक्षा को Zero - Error करना है मकसद - The aim is to make the examination zero-error  

खास बात यह है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने Zero- error परीक्षा का रोडमैप तैयार करने और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई थी, जिसकी  रिपोर्ट के आधार पर बदलाव किए जाएंगे।

CBT मोड में हो सकती है इस बार परीक्षा - This time the exam may be conducted in CBT mode 

सूत्रों का कहना है कि सीयूईटी यूजी की परीक्षा फिर से सीबीटी मोड में करवाई जा सकती है। वहीं NTA का एंट्रेंस टेस्ट शेड्यूल भी जल्द जारी होने की संभावना है। सीयूईटी- यूजी की परीक्षा में हर वर्ष छात्रों की संख्या में इजाफा हो रहा है और 2025 के एग्जाम के आधार पर एडमिशन देने वाली यूनिवर्सिटीज की संख्या 261 से बढ़कर 300 हो सकती है। ऐसे में एजाम का रिजल्ट समय पर हो और रिजल्ट में कोई गलती न हो, इसको देखा जा रहा है। विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ का मानना है कि सीबीटी मोड सुरक्षित माध्यम है तो कुछ कहते हैं कि बड़े एग्जाम पेन एंड पेपर मोड में होने चाहिए यानी हाईब्रिड मोड में परीक्षा हो।

नॉर्मलाइजेशन सही या गलत - normalization right or wrong 

सीबीटी मोड में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है, जबकि पेन एंड पेपर मोड में सभी के लिए कॉमन क्वेश्चन पेपर होता है। लेकिन संभावना है कि एग्जाम को ज्यादा से ज्यादा सीबीटी मोड के दायरे में लाया जाए।

https://youtu.be/H84HL5u5UHg?si=CpdTzYygiKuaAFC8

NTA में है मैनपावर की कमी - There is shortage of manpower in NTA 

परीक्षा सुधारों के लिए बनी सात सदस्यीय हाई लेवल कमिटी ने 2024 की प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर लिए गए फैसलों की समीक्षा की है। एक समस्या यह भी है कि NTA में मैनपावर की कमी है और एग्जाम की संख्या ज्यादा है। ऐसे में सीयूईटी, नीट जैसे एग्जाम का प्रेशर NTA पर ज्यादा है। नीट, जेईई मेन, सीयूईटी जैसे बड़े एग्जाम में 50 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होते है। सूत्रों का कहना है कि बड़े स्तर पर होने वाली परीक्षाओं में इंटरनैशनल लेवल पर बेस्ट प्रैक्टिस की स्टडी की गई है। यूजीसी, नैशनल मेडिकल कमिशन, नैशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (मेडिकल साइंसेस) की राय भी ली गई है।