दिल्ली विश्वविद्यालय ने सर्कुलर जारी कर कहा कि बिना स्थायी प्रिंसिपलों की नियुक्ति के किसी भी शैक्षणिक या
गैर शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति नहीं होगी। डीयू के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) ने कॉलेजों के प्रिंसिपल, शिक्षण
संस्थानों के प्रमुख और गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष को सर्कुलर जारी कर पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए
यह याद दिलाया है।
जिन संस्थानों में प्रिंसिपल स्थायी नहीं हैं या कार्यवाहक हैं वहां पर किसी तरह की नियुक्ति चाहे वह शैक्षणिक हो
या गैर-शैक्षणिक, अतिथि शिक्षक हों, तदर्थ या अस्थायी किसी भी तरह की नियुक्ति नहीं हो सकती।
ज्ञात हो कि डीयू के लगभग डेढ़ दर्जन कॉलेजों में स्थायी प्रिंसिपल नहीं हैं। आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की
है कि डीयू के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (कॉलेजिज) ने जो निर्देश दिए हैं उससे तत्काल में नियुक्तियां प्रभावित होंगी। डॉ.
हंसराज सुमन का कहना है कि इस तरह के सर्कुलर को भेजे जाने से बेरोजगार शोधार्थियों, गैर शैक्षणिक
कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है।
प्रक्रिया अवरुद्ध हुई
डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि सर्कुलर आने से सारी प्रक्रिया अवरुद्ध हो गई है। आरक्षित वर्ग के पदों को भरने
के लिए यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय और संसदीय समिति कई बार निर्देश दे चुकी है। मार्च से जुलाई के बीच कॉलेजों से
बहुत से शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं, उनके पद भरे जाने हैं। यदि उनके स्थान पर एडहॉक शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं
होंगी तो छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ सकता है।