आजकल के पेरेंट्स बच्चे पैदा होने से पहले ही पेरेंट्स उनकी चिंता करने लग जाते हैं. पेरेंट्स फोन की कॉलिंग की
चिंता बहुत ज्यादा सताने लग जाते हैं. इसी के साथ सब बच्चों को स्कूल में एडमिशन करवाना एक चैलेंज से कम
नहीं होता है. पेरेंट्स बच्चों के गुड स्कूल एडमिशन के लिए लाखों रुपए डोनेशन भी देने के लिए मजबूर हो जाते हैं
और चाहते हैं कि उनके बच्चे का फ्यूचर बिल्कुल सिक्योर रहे. इसी दौर में आज हम एक ऐसी महिला के बारे में
बात करने जा रहे हैं जो ना तो अपने बच्चों को पढ़ाती है और ना उसको अपने बच्चों के स्कूल इनकी कोई टेंशन
होती है.
हाल ही में उस महिला ने अपने स्टोरी पर बताया है कि कैसे वह अपने बच्चों को बिना स्कूल भेजें एजुकेट करती
है. उस महिला ने बताया कि उसने कई लोगों के स्टोरी देखे हैं जिसमें पेरेंट्स अपने बच्चों के स्कूल के यूनिफॉर्म
और भी स्कूल की कई चीजों को खरीदते हुए देखा है. यह देख कर उसको भी काफी अच्छा लगता है लेकिन उसने
बताया कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करती है वह ना बच्चों को स्कूल के लिए रेडी करती है और ना लास्ट मिनट पर
उसे किसी भी स्कूल के प्रोजेक्ट की टेंशन होती है. महिला ने बताया कि मेरे दो बेटे हैं एक 9 साल का है और
दूसरा 6 साल का उसने दोनों ही को स्कूल में अभी तक एडमिशन नहीं करवाया है.
महिला ने बताया कि वह होम स्कूलिंग करती है और अपने बच्चों को होम स्कूलिंग में ही पढ़ाती है. उस महिला
का कहना है कि वह हमेशा ही पढ़ाती है इसमें कोई गर्मी की छुट्टी, सर्दी की छुट्टी नहीं दी जाती. प्रिंस के दौरान
व अपने बच्चों को खेतों में खेती करने के लिए भी ले जाती है.
आइए जानते हैं होम स्कूलिंग के फायदे
बच्चों पर माता-पिता का पढ़ाई पर पूरा कंट्रोल रहता है.
होम स्कूलिंग के जरिए माता-पिता और बच्चों के बीच एक अच्छा रिलेशनशिप बॉन्ड बना हुआ रहता है.
होम स्कूलिंग के जरिए पेरेंट्स अपने बच्चों पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखते हैं और समय भी देता है.
पेरेंट्स बच्चों के छुपे हुए टैलेंट को भी जल्दी से पकड़ पाते हैं.