NCERT ने की मूल्यांकन के नए मॉडल की पेशकश – NCERT offers new model of evaluation

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने एक नया मूल्यांकन माडल सुझाया है। इसमें प्रस्ताव है कि कक्षा 9, 10 और 11 में छात्रों के प्रदर्शन को उनके कक्षा 12 के बोर्ड परिणामों में योगदान देना चाहिए। जुलाई में जारी रिपोर्ट 'शिक्षा बोर्डों में समानता स्थापित करने पर सुझाव दिए गए हैं।

रिपोर्ट में कक्षा 10 और 12 के लिए एक प्रगतिशील मूल्यांकन रूपरेख का सुझाव दिया गया है। नई रूपरेखा शैक्षणिक वर्ष को दो अवधियों में विभाजित करती है। 

क्या है मामला - What is the matter

कक्षा 12 के बोर्ड के नतीजों में अब कक्षा 9, 10 और 11 के अंक शामिल किए जाने की भी सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में उल्लेख है कि 'कक्षा 9 से कक्षा 12’ तक रचनात्मक और योगात्मक अंकों का भार क्रमिक रूप से समायोजित किया जाएगा। इससे शिक्षार्थियों के ग्रेड में आगे बढ़ने के साथ योगात्मक मूल्यांकन पर जोर बढ़ेगा। कक्षा 9 में 7% रचनात्मक और 30% योगात्मक विभाजन, कक्षा 10 में समान 50% रचनात्मक और योगात्मक, कक्षा 11 में 40% रचनात्मक और 60% योगात्मक वितरण और कक्षा 12 में 30% रचनात्मक और 70% योगात्मक अनुपात है। 

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, परिणामस्वरूप, माध्यमिक चरण के अंत में संचयी अंक कक्षा 9 के लिए 15%, कक्षा 10 के लिए 20%, कक्षा 11 के लिए 25% और कक्षा 12 के लिए 40% हैं।' इसका मतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में छात्रों का प्रदर्शन उनके अंतिम अंकों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षार्थियों के लिए सुझाया गया मूल्यांकन ढांचा एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाएगा जो विद्यार्थियों की प्रगति का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए रचनात्मक (चल रहे) और योगात्मक (अंतिम अवधि) दोनों मूल्यांकन विधियों को संतुलित करता है। 

कक्षा 10 और 12 के लिए मूल्यांकन ढांचे को दो अवधियों में विभाजित किया जाएगा। कक्षा मूल्यांकन में पोर्टफोलियो मूल्यांकन, स्व-मूल्यांकन, सहकर्मी मूल्यांकन, शिक्षक अवलोकन, समूह कार्य और प्रयोगशाला गतिविधियां शामिल होंगी। अंतिम अवधि मूल्यांकन का उपयोग योग्यता-आधारित मूल्यंकन के साथ जारी रहेगा। इसमें शिक्षक प्रश्न बैंक से चयन करेंगे। टर्म-2 में प्रोजेक्ट वर्क, वाइवा, पेपर प्रेजेंटेशन व ग्रुप डिस्कशन के साथ रचनात्मक मूल्यांकन होगा।