विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम सिंह बिधूरी ने दिल्ली सरकार की शिक्षा मॉडल को फर्जी 12 करार देते हुए तर्क
दिया है. उन्होंने इस दावे को खुली चुनौती दी है कि दिल्ली के निजी स्कूलों को छोड़कर बच्चे सरकारी स्कूल में आ
रहे हैं. धोनी ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों की संख्या पिछले 7 साल में एक लाख घट गई है. बिधूड़ी का
कहना है कि सरकारी स्कूलों में जितने बच्चे आ रहे हैं उनमें से भी रोजाना 40 फीसदी हाजरी रहते हैं.
7 साल में दिल्ली के पब्लिक स्कूलों में बच्चों का आंकड़ा भी 31 फीसदी से बढ़कर 43% हो गया है. बिधूड़ी ने
सरकारी आप लोग हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दो 16 लाख चिखुरी पहुंच चुकी थी
लेकिन 2019 में घटकर 1500000 रह चुकी है. 2013 – 14 से पहले के आंकड़ों को देखें तो हर साल सरकारी
स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 60000 बढ़कर रह चुकी थी. लेकिन आप सर्दी के बाद संख्या करना तो दूर उस
में गिरावट का दौर शुरू हो चुका है.
निगम स्कूलों में बीते सत्र में हुए दाखिले शिक्षा विभाग और निगम अधिकारी खासे उत्साहित हैं एक लंबे अरसे के
बाद नियम के स्कूलों में मौजूदा सत्र में 2 लाख 53 हजार छात्रों ने दाखिला लिया है. जिसके बाद निगम के स्कूलों
में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 9 लाख से अधिक हो गई है दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग की ओर से कहना
है कि स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार वृद्धि हो रही है.