आप यदि अगले दरवाजे से घुसने योग्य नहीं हैं तो पिछले दरवाजे से कोशिश कीजिए, अवश्य सफल होंगे।
क्या है महत्त्व – What is the importance
मकान का पिछला दरवाजा अवश्य होना चाहिए। इसके अनेक फायदे हैं। बचपन से ही में पिछले दरवाजे के महत्त्व से परिचित हूँ। सेकेंड शो देखकर घर लौटता तो पिछले दरवाजे से ही अंदर घुसता। इस प्रकार मेरा घर पर आना मां के सिवा किसी को ज्ञात न हो पाता। कितनी ही बार दोस्तों के सिर दर्द से बचने के लिए मैं पिछले दरवाजे से खिसककर उनसे दूर भाग निकला हूँ। लेनदारों से बचने के लिए तो पिछले दरवाजे जैसा कोई मार्ग ही नहीं।
पिछला दरवाजा, जिंदगी का स्वर्णिम द्वार – Back door, golden door of life
पिछले दरवाजे का आज के जमाने में विशेष महत्व है। आप यदि अगले दरवाजे से घुसने योग्य नहीं हैं तो पिछले दरवाजे से कोशिश कीजिए, अवश्य सफल होंगे। जो योग्य हैं, अगले दरवाजे से घुस सकते हैं, वे पीछे से आपके घुस जाने से चलते बनेंगे। आजकल कोई स्थान ऐसा नहीं है, जहां पिछला दरवाजा न हो। अगला दरवाजा सर्वसाधारण के लिए होता है तो पिछला अपनों के लिए। अगले दरवाजे से होने वाली बडी परेशानी है ‘क्यू’। हर काम के लिए ‘क्यू’ में खड़े रहिए। बच्चों को प्राइमरी स्कूल में दाखिल कराना है, सिनेमा के टिकट चाहिए या कार्ड से शक्कर लेनी है, ‘क्यू‘ वाले सेक्शन में आइये।
क्या कुछ नहीं किया जा सकता पिछले दरवाजे से – Can’t anything be done through the back door
किसी भी क्यू से बचने का सरल उपाय है पिछला दरवाजा। आप इस दरवाजे से घुसे तो एक बार क्यू में खड़े रहने वाले का काम भले ही रह जाए, आपका जरूर हो जाएगा। हमेशा पिछले दरवाजे का आश्रय लीजिए। आप अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं, फिर भी टीम के लिए सिलेक्ट हो जाएंगे। किसी इंटरव्यू में बुलाए गए हैं तो नौकरी मिल गई समझिए। आपसे अधिक योग्य उम्मीदवार मैदान में क्यों न हो। छोटे मोटे चुनाव में हार गए हों तो कोऑप्ट के रूप में पिछला दरवाजा आपके लिए है। विधानसभा वा लोकसभा के चुनाव में हार गए हैं तो राज्यपरिषद या राज्यसभा के पिछले दरवाजों से अंदर घुस जाइए और ऐश लुटिए।