हम सभी के जहन में कई बार ऐसे सवाल आते है, जिसका जवाब शायद ही कोई दे दे पाता हो। लेकिन वो ही अजब-गजब सवाल आपके अंदर उथल-पुथल मचाए रहते हैं। ऐसे में हमने AI से पूछे आपके सवाल, जिनके मिले मजेदार जवाब -
अगर सूर्योदय पूर्व से ना होकर पश्चिम से हो और सूर्यास्त पश्चिम से ना होकर पूर्व से हो, तो हमारे जीवन में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ये हो सकते हैं परिणाम -
सबसे पहले तो हमारे दिन और रात का समय उलट जाएगा। पश्चिम में सूर्य अस्त होने पर शाम होगी तो पूर्व में सूर्योदय होते ही सुबह की शुरूआत होगी।
पृथ्वी के घूमने की दिशा बदलने से ऋतुओं का चक्र भी उलट जाएगा। जहां अभी हम गर्मियों में गमों महसूस करते हैं, वही उन महीनों में हमे सर्दी महसूस होगी।
समय का निर्धारण करने वाले तरीके भी बदल जाएंगे। हमें अपनी घड़ियों और कैलेंडरों को नए सिरे से सेट करना होगा।
धरती पर रहने वाले सभी जीवों के जीवनचक्र में बदलाव आएगा। पौधे सूर्य नकी रोशनी के अनुसार ही अपना विकास करते हैं, इसलिए उनकी वृद्धि पर भी असर पड़ेगा।
सूर्योदय की दिशा बदलने से धरती पर होने वाली भौगोलिक घटनाएं भी प्रभावित होगी। जैसे कि समुद्र की धाराएं, हवाओं की दिशा आदि।
यह सब इसलिए होगा क्योंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। इसी कारण से हम सूर्य को पूर्व में उगता हुआ और पश्चिम में डूबता हुआ देखते हैं। अगर पृथ्वी की घूर्णन दिशा बदल जाए तो ये सब कुछ उलट जाएगा।
वर्तमान में पृथ्वी की घूर्णन दिशा बदलने की कोई संभावना नहीं है। पृथ्वी की घूर्णन दिशा को बदलने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी जो कि वर्तमान में हमारे पास नहीं है। इसलिए अभी यह सिर्फ एक काल्पनिक स्थिति है, जिसके बारे में सोचकर हम पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
दरअसल, पेड़-पौधे के हरे रंग का होने के पीछे दिलचस्प वजह है। ये इसलिए हरे रंग के होते है क्योंकि उनके अंदर एक विशेष प्रकार का वर्णक पाया जाता है, जिसे क्लोरोफिल कहते है। यह क्लोरोफिल ही पौधों को हरा रंग देता है।