दिवाली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस के त्योहार से आरंभ होती है, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। धनतेरस के दिन धन के देवता कहे जाने वाले श्री कुबेर और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन सोने चांदी और धातुओं के बनी हुई वस्तुएं खरीदी जाती है, मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन खरीदी हुई वस्तु कई गुना बढ़ जाती है। तो आईए जानते हैं कब है, धनतेरस – तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि।
पंचांग के अनुसार इस साल धनतेरस का आरंभ 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। सही मायनों में धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 45 मिनट तक रहेगा, इस दौरान यमदीप जलाना काफी शुभ रहेगा।
इस साल धनतेरस पर सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 11 नवंबर को सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस के दिन शाम के समय उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए, इसके बाद दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जलाना चाहिए। भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई का भोग लगाए, साथ ही पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" मंत्र का जाप करें। इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें, पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित कर दें।