दुनियाभर में डायबटीज़ के मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। आज के समय में यदि भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाए तो इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है। भारत में हर घर में कोई ना कोई व्यक्ति इस बीमारी से झूझ रहा है। इस बीमारी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। इस बीमारी से बच कर रहना ही इस बीमारी का इलाज है। इसलिए आपके लिए इस बीमारी से बचने के लिए हेल्थी डाइट का सेवन करना बहुत ज़रूरी है। इसके साथ ही आपको ऐसी चीज़ों से दूर रहना चाहिए जिनके सेवन से आपके ब्लड शुगर लेवल में इज़ाफ़ा होता है।
शुगर पेशेंट्स इन सभी तरह के आटे की रोटियाँ खाने से करें परहेज़
अपने जीवन के कुछ पलों को रीवाइंड कीजिए और सोचिए कि आप दिन भर किस आटे की रोटियाँ खाते हैं। ऐसा सोचने पर आप पाएंगे कि आप एक दिन में सबसे ज़्यादा गेहूं के आटे की रोटियाँ खाते हैं। इसे लेकर कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आटे का ज़्यादा सेवन करने से हमारे खून में शुगर लेवल बढ़ जाता है।
अधिकतर घरों में जब भी घर के रसोई घर में जब भी गेहूं केआटे की रोटी बनाने के लिए जाते हैं तो इससे पहले ही सूखे आटे में से चोकर निकालकर अलग कर दिया जाता है। इसे निकालने पर इसके बाद रोटी बनाने में इस्तेमाल होने वाला आटा मधुमेह रोगियों के लिए किसी ज़हर से कम नहीं है।
इस अनाज की रोटियाँ नहीं पहुचाएंगी आपको नुकसान
1) बाजरा
बाजरे की रोटियों का सेवन करने से मधुमेह रोगियों को कोई नुकसान नहीं होता। सर्दियों में इस आटे की रोटियों का सेवन बड़े चाव से किया जाता है। बाजरा स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक होता है।
2) मक्का
गेहूं के आटे से ज़्यादा हेल्थी मक्के का आटा माना जाता है। इससे आपके शरीर के खून में शुगर का लेवल नहीं बढ़ता। मक्के में स्टार्च मौजूद होता है जिससे शरीर में इन्सुलिन और ग्लूकोज़ की प्रतिक्रिया कम हो जाती है।
3) चना
चने के आटे की रोटियाँ सेहत के लिए काफी अच्छी मानी जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चने का आटा ग्लूटन फ्री होता है। यही वजह है कि डायबटीज़ के मरीज़ों के लिए यह लाभकारी साबित होता है।
4) ज्वार
ज्वार के आटे में भरपूर मात्रा में डायटरी फाइबर मौजूद होता है। इसे खाने के बाद लम्बे समय तक भूख नहीं लगती और पेट भरा हुआ महसूस होता है। इसे खाने से मोटापा नहीं भरता जो डायबटीज़ के मरीज़ों के लिए काफी ज़रूरी है।
डिस्क्लेमर - यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ से परामर्श लेना ही उचित है। ultranewstv इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता और ना ही इसकी ज़िम्मेदारी लेता है।