इसमें कोई शक नहीं कि मोटापा आज सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इसके लिए लोग कई तरह के डाइट प्लान फॉलो करते हैं। इन्हीं आहारों में से एक है रुक-रुक कर उपवास करना। इसमें मील लंबे समय के बाद लिए जाते हैं।
वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का भी व्यापक रूप से पालन किया जाता है। डाइटिंग के इस प्रारूप में 24 में से 8 घंटे खाने के लिए होते हैं और 16 घंटे उपवास करना होता है। हालांकि, इस दौरान पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, चाय-कॉफी आदि तरल चीजों का सेवन किया जा सकता है।
इस डाइट से अब तक कई लोगों को फायदा हुआ है। शोध के अनुसार, रुक-रुक कर उपवास करने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। यहां तक कि हृदय रोग के कारण मृत्यु भी हो सकती है।
शोध के अनुसार, जो लोग दिन में 8 घंटे से कम खाने की अवधि का पालन करते हैं, उनमें हृदय रोग से मृत्यु का 91 प्रतिशत जोखिम होता है। इसके अलावा, जो लोग पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उनके लिए खाने की सीमा 8 से 10 घंटे तक सीमित है। आहार का पालन करने से हृदय रोग या स्ट्रोक से मृत्यु का खतरा 66 प्रतिशत बढ़ जाता है। 20,000 से अधिक अमेरिकी वयस्कों के विश्लेषण से पता चला कि जिन लोगों ने समय प्रतिबंध खाने की योजना का पालन किया, उन्होंने अपने खाने को प्रति दिन 8 घंटे से कम तक सीमित रखा। दिन में 12 से 16 घंटे खाना खाने वालों की तुलना में उनके हृदय रोग से मरने की संभावना अधिक थी।
अगर आपको शुगर या हृदय रोग जैसी किसी भी तरह की बीमारी है तो आपको अपने आहार विशेषज्ञ या स्वास्थ्य विशेषज्ञ को अपनी स्थिति के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए और उनकी सलाह पर ही इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहिए।
[डिस्क्लेमर : कृपया डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।]