आज कार्तिक मास की अमावस्या तिथि है और इस दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है। इस
दिन माता महालक्ष्मी खास पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन इस साल के दिवाली पर सूर्य ग्रहण (Surya
Grahan) का साया पड़ता दिख रहा है।
हासांति लक्ष्मी पूजा के अगले दिन सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इसलिए गोवर्धन पूजा दूसरे दिन होगी। चूंकि ग्रहण
दिवाली के अगले दिन पड़ेगा, इसलिए सूतक मध्यरात्रि के बाद से शुरू हो जाएगा। ज्योतिष के जानकारों
के मुताबिक सूर्य ग्रहण के कारण लक्ष्मी पूजन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। चतुर्दशीयुक्त अमावस्या के दिन
इस बार दिवाली मनेगी। वहीं, 8 नवंबर को देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण का असर रहेगा।
सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर यानी दिवाली के अगले ही दिन लगेगा। चूंकि सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर
ही लगता है और दिवाली (Diwali) भी अमावस्या पर ही होती है। इस बार कुछ ऐसा संयोग बन रहा है
कि दिवाली की रात से ही सूतक काल (Sutak Kaal) शुरू हो जाएगा।
ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले 24 अक्टूबर की मध्यरात्रि से ही शुरू हो जाएगा। सूतक काल दिवाली की
रात यानी 24 अक्टूबर की रात को 02 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो कर 25 अक्टूबर की सुबह 04
बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
भारत में ये सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। इसका आरंभ 25 अक्टूबर को दिन में 02
बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ये सूर्य ग्रहण करीब 4 घंटे 3
मिनट का होगा।
शास्त्र के जानकारों के मुताबिक इस तरह की स्थिति 27 साल पहले 1995 में बनी थी जब दिवाली के
दिन ही सूर्य ग्रहण पड़ा था।