आंध्र प्रदेश की धरती से निकले ये 15 दुर्लभ तत्व

जिस तरह भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत और भाषिक विविधता के मामले में काफी समृद्ध है उसी तरह भारत देश की धरती भी महत्वपूर्ण संसाधनों से समृद्ध है। पहले भारत के जम्मू-कश्मीर में लीथियम के भंडार मिले थे तो इस बार भारत के आंध्र प्रदेश राज्य की धरती से 15 दुर्लभ तत्वों या रेयर अर्थ एलिमेंट्स को निकाला गया है। इन तत्वों का इस्तेमाल मोबाइल, कम्प्यूटर और टीवी में किया जाता है। यह शोध हैदराबाद के जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया है।

कौन से तत्व मिले हैं ?

खबर के मुताबिक़ खोज के दौरान एलानाइट, सीरीएट, थोराइट, कोलम्बाइट, टैंटलाइट, एपेटाइट, जिरकोन, मोनाजाइट, पायरोक्लोर यूक्सेनाइट और फ्लोराइट मिले हैं। असल में NGRI के वैज्ञानिक साइनाइट्स जैसे पत्थरों की तलाश के लिए सर्वे कर रहे थे। वैज्ञानिक पीवी सुंदर राजू का कहना है कि अलग-अलग आकार के जिरकोन रेड्डीपल्ली और पेड्डावडागुरु गांवों में मिले हैं।

उन्होंने यह भी बताया है कि इनसे जुड़ी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए शोध किए जा रहे हैं। इन तत्वों का इस्तेमाल क्लीन एनर्जी, एयरोस्पेस, डिफेन्स और परमानेंट मेग्नेट्स बनाने के लिए किया जाता है। इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि मेटालोजनी के प्रभाव के साथ इन तत्वों के आकलन का काम जारी है। दरअसल, मेटालोजनी जियोलॉजी की ही एक शाखा है।

जम्मू और कश्मीर का खज़ाना

सरकार द्वारा फरवरी के महीने में ही इस बात का ऐलान किया गया था कि जम्मू और कश्मीर में लिथियम रिज़र्व मिला है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने पाया था कि रियासी जिले की सलाल हैमान इलाके में 59 लाख टन अनुमानित लिथियम है। स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य गैजेट्स की बैटरी में लिथियम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल किए जाने वाले रिचार्जेबल बैटरी में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।