दिल्ली के सड़कों पर हुए हादसे कम, प्रशासन ने उठाए थे यह अहम कदम

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राजधानी में सबसे अधिक सड़क हादसे होने वाली जगहों के छोटे-छोटे बदलाव के साथ सुरक्षित बनाया जा रहा है.
इसके लिए दिल्ली सरकार के निर्देश पर सेव लाइन फाउंडेशन नामक एनजीओ में सीन जगहों पर अस्थाई बदलाव
कर उसके प्रभाव देखे हैं. इस बदलाव की वजह से इन जगहों पर सड़क हादसे की आकांक्षा 30 से 80% कम हो
गई है. फाउंडेशन ने दिल्ली सरकार को इन बदलावों को स्थाई करने की सिफारिश की है सेव लाइन फाउंडेशन के
अध्यक्ष पीयूष तिवारी ने बताया कि दिल्ली में ब्लैक बोर्ड पर सड़क हादसे काम करने के लिए सरकार प्रयास कर
रही है.

सरकार के निर्देश पर उनकी टीम में ब्लॉक बुरारी चौक और राज घाट चौक पर काम किया है. की टीम ने सबसे
पहले यह देखो इंसानों के प्रमुख कार्य क्या है. इसमें पाया गया कि सड़क के डिजाइन में मौजूद खामियों की वजह
से ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं इसे ध्यान में रखते हुए उनकी टीम ने बदला किए और कि वहां पर सड़क हादसों
की आदत हो गई है.

भलस्वा चौक में सड़क हादसों का एक बड़ा है यह प्रत्येक वर्ष औसतन 20 हादसे होते हैं इनमें 7 से 9 लोग प्रत्येक
वर्ष जान गवा देते हैं वहीं बुरारी चौक से वर्ष 2018 से 2020 तक में व्हाट इस हादसे हो चुके हैं इनमें 18 लोगों
की मौत भी हो चुकी है जबकि 25 लोग बुरी तरह से गए थे. राजीव चौक के पास 2016 से 2020 के बीच 47
दुर्घटनाएं हो चुकी है इसमें 13 लोगों ने अपनी जान गवाई जबकि 51 घायल हो चुके थे.

भलस्वा चौक के 12000 वर्ग मीटर क्षेत्र वाले चौक पर हाय बदलाव किए गए जहां पोलार्ड और कौन लगा फिर
जगहों से पैदल राहगीर गुजरते थे. इससे उनका गाड़ियों से संपर्क कम हो गया जेब्रा काउंसलिंग पर पैदल यात्रियों
के लिए सस्ता उपलब्ध करवाया गया गाड़ियों की गति कम करने के लिए रंबल स्ट्रिप का इस्तेमाल किया गया.

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