दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो चुकी है। आम आदमी पार्टी की नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को पार्टी ने विधायक दल का नेता चुना है। बता दें कि वर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल लंबे समय बाद जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। इसके बाद केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान किया था। आज मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में आतिशी को नए सीएम के रूप में चुनाव गया है।
विधायक दल की बैठक से पहले ही 2 नाम सीएम पद की रेस में थे। जिसमें पहला नाम आतिशी और दूसरा नाम कैलाश गहलोत का था। बैठक से पहले ही आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया था कि केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को सीएम नहीं बनाएंगे। उन्होंने कहा था कि सुनीता केजरीवाल सीएम बनने की इच्छुक नहीं हैं। आम आदमी पार्टी किसी ऐसे नेता को सीएम बनाना चाहती थी, जो सिस्टम और काम के बारे में जानता हो और उसे काम करने का अनुभव भी हो। ऐसे में सीनियर आप नेता मनीष सिसोदिया ने आतिशी के नाम पर जोर दिया था।
आतिशी की गिनती आम आदमी पार्टी के सबसे शिक्षित नेताओं में होती है। आतिशी ने आम आदमी पार्टी को ज्वाइन करने से पहले मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में 7 साल तक बच्चों को पढ़ाने का काम किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीति में आने से पहले आतिशी ने कुछ समय आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास और अंग्रेजी पढ़ाने का काम भी किया था। आतिशी ने दिल्ली के शैक्षणिक संस्थानों के कायाकल्प करने में अहम रोल निभाया है।
आतिशी ने स्कूली शिक्षा दिल्ली के पूसा रोड के स्प्रिंगडेल स्कूल से की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के ही सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री में बीए किया। आतिशी ने प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से दोबारा डिग्री हासिल की।
आतिशी ने साल 2013 में आम आदमी पार्टी के साथ सियासी सफर शुरू किया था। जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक वह मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में कार्य करती रहीं। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी ने पूर्वी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वह गौतम गंभीर से हार गईं। इसके बाद साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आतिशी ने पहली बार कालकाजी सीट से चुनाव जीता और विधायक बनीं।
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। उनसे पहले शीला दीक्षित साल 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की सीएम रही थीं। शीला दीक्षित से पहले सुषमा स्वराज साल 1998 में दिल्ली की सीएम बनी थीं।