अधिकतर घरों में दिन की शुरुआत दूध और चाय के साथ होती है। यानी की सुबह सबसे पहले ज़्यादातर घरों में दूध आता है। दूध खरीदने वाले ग्राहकों को दूधिए से ज़्यादा पैकेट के दूध पर यकीन होता है। इसलिए अधिकांश घरों में पैकेट वाला दूध खरीदा जाता है। लेकिन गाजियाबाद के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक़ लोगों का विशवास दूध की गुणवत्ता से डगमगाने लगा है। इस रिपोर्ट में दूध के सैम्पल्स में गिरावट दर्ज की गई है। एडीएम सिटी की अदालत में सुनवाई के दौरान नामी कंपनियों के दूध के अलावा सिम्भावली शुगर मिल, पिज़्ज़ा हट समेत 31 संस्थानों पर 33.95 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
एनसीआर उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त विनीत कुमार ने बताया कि अमूल रियल दूध, अमूल फ्रेश क्रीम, टोंड दूध, अमूल गोल्ड फुल क्रीम दूध, मदर डेयरी से खुले दूध, फुल क्रीम व टोंड दूध का सैंपल लिया गया था।
वहीं, वसुंधरा से सिंभावली शुगर मिल की चीनी साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र से मंगला ब्रांड का तिल का तेल, क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित पिज्जा हट से स्मोक्ड टाइप लहसुन व काली मिर्च, बालाजी फ्लोर मिल से गेहूं का आटा, कलछीना भोजपुर से मावा, वैशाली के कैप्टन रेस्टोबार से काजू के टुकड़ों का सैंपल लिया गया था। इन सभी ब्रांड्स के खाद्य पदार्थों के सैम्पल्स को टेस्टिंग के लिए भेजा गया था। जाँच में सेम्पल्स तय मानकों के अनुसार खरे नहीं उतरे। विभाग ने इसके बाद मामले को एडीएम सिटी बिपिन कुमार की अदालत में भेज दिया था। अदालत ने सुनवाई के बाद इन कंपनियों पर जुर्माना लगाया है और इन्हे इस जुर्माने का भुगतान करने के लिए एक महीने का समय दिया है।
इस दूध पर लगा है सबसे ज़्यादा जुर्माना
सबसे ज़्यादा जुर्माना अमूल दूध पर लगाया गया है। इस पर 8.24 लाख रुपये का और मदर डेयरी पर 7.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं सिंभावली शुगर मिल पर 3.70 लाख रुपये, पिज्जा हट पर 2.30 लाख रुपये, तिल का तेल बेचने वाले मंगला ब्रांड पर 2.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।