देश का पहला रेल केबल ब्रिज इन विशेषताओं से है लैस, 96 तारें उठाएंगी ट्रेन का भार

हिमालय और उसके आस पास के क्षेत्र में किसी निर्माण कार्य को अंजाम देना और ब्रिज जैसी संरचना को मजबूती से खड़ा करने का कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है। लेकिन इन तमाम भौगोलिक चुनौतियों के बीच देश का पहला अंजी खड्ड रेल केबल ब्रिज बनकर तैयार हो चुका है। यह उधमपुर–श्रीनगर–बारामूला रेलवे लिंक परियोजना पर जम्मू कश्मीर में कटरा से रियासी को जोड़ने वाला भारतीय रेलवे पर पहला केबल स्टेडेड पुल है। इस पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी तारें सर्दी और गर्मी के मौसम में अपना आकार नही बदलेंगी, जिससे ट्रेन को सुरक्षित रूप से परिचालित करना संभव होगा।

क्या है पुल की विशेषताएं ?

ब्रिज के केबल को विशेष रूप से 15.7 मिमी व्यास के साथ डिजाइन किया गया है। केबल की लंबाई को 80 मीटर से 295 मीटर के बीच रखा गया है। स्टे केबल 31, 37 या 43 तारों से बने होते हैं। अंजी केबल स्टे ब्रिज को लैटरल और सेंट्रल स्पैन पर 96 केबल के साथ डिजाइन किया गया है। केबल का कुल वजन 848.7 मीट्रिक टन है। इसमें केबल की कुल लंबाई 653 किलोमीटर है। 26 अप्रैल को ब्रिज का अंतिम केबल लगाने का काम पूरा हो गया है।

किस नदी पर बनाया गया है ब्रिज ?

अंजी खड्ड रेल केबल ब्रिज चिनाब नदी की सहायक नदी अंजी नदी पर बनाया गया है। यह ब्रिज कटरा की तरफ सुरंग टी – 2 और रियासी की तरफ सुरंग टी – 3 को जोड़ता है। इस ब्रिज की कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें 473 मीटर लंबा केबल स्टे ब्रिज भी शामिल है। यह नदी से 331 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा है। इस ब्रिज पर सिंगल लाइन रेलवे ट्रेक और 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड है।