पुणे में ऐतिहासिक सेना दिवस परेड में भारतीय सेना ने पेश किए ‘रोबोटिक डॉग्स’

भारतीय सेना ने अपने अत्याधुनिक तकनीकी विकास को दिखाते हुए पुणे में आयोजित ऐतिहासिक सेना दिवस परेड के दौरान 'रोबोटिक डॉग्स' का पहली बार प्रदर्शन किया। इस कदम ने सेना की ताकत में तकनीकी नवाचार को दर्शाते हुए देश और दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।

रोबोटिक डॉग्स: क्या है यह तकनीक?

रोबोटिक डॉग्स, जिसे आधिकारिक तौर पर म्यूल-रोबोटिक पोर्टेबल मशीन के रूप में जाना जाता है, एक स्वचालित मशीन है जो पारंपरिक डॉग्स की जगह ले सकती है। यह कठिन और दुर्गम क्षेत्रों में सैनिकों के लिए सामान ले जाने में सक्षम है। यह मशीन बैटरी से संचालित होती है और इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से खुद को नेविगेट करने की क्षमता है।

विशेषताएं और क्षमताएं

  1. भार ढोने की क्षमता: यह रोबोटिक म्यूल 100 किलोग्राम से अधिक वजन ले जाने में सक्षम है।
  2. स्वायत्तता: मशीन खुद रास्ता ढूंढ सकती है और सैनिकों के निर्देशों का पालन कर सकती है।
  3. पर्यावरण के अनुकूल: बैटरी चालित होने के कारण यह पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।
  4. लचीलापन: यह ऊबड़-खाबड़ इलाकों में आसानी से काम कर सकती है, जो मैन्युअल डॉग्स और वाहनों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है।

भारतीय सेना के लिए क्या है महत्व?

भारतीय सेना ने पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए इस तकनीक को अपनाया है। रोबोटिक डॉग्स दुर्गम क्षेत्रों में गोला-बारूद, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य आवश्यक सामान ले जाने में मददगार साबित होंगे। यह सेना के रसद आपूर्ति तंत्र को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाएगा।

सेना दिवस परेड में पहली झलक

इस साल पुणे में सेना दिवस परेड ने विशेष महत्व रखा क्योंकि यह पहली बार था जब इसे नई दिल्ली के बाहर आयोजित किया गया। इस परेड में रोबोटिक खच्चरों के अलावा अन्य स्वदेशी तकनीकी आविष्कारों का भी प्रदर्शन किया गया। भारतीय सेना के इस प्रयास ने यह साबित कर दिया कि वह समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में अग्रसर है।

भविष्य की योजनाएं

भारतीय सेना रोबोटिक डॉग्स का उत्पादन बढ़ाने और इन्हें बड़े पैमाने पर तैनात करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, सेना और अधिक उन्नत तकनीकों को अपनाने की दिशा में काम कर रही है ताकि सैन्य अभियानों की दक्षता में इजाफा हो सके।

निष्कर्ष

भारतीय सेना का 'रोबोटिक डॉग्स' का यह कदम उसकी तकनीकी प्रगति और भविष्य की चुनौतियों के लिए तत्परता को दर्शाता है। यह न केवल सेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि यह दिखाएगा कि भारत उन्नत तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने के लिए तैयार है।