चाहते हैं टोल से छुटकारा, लगवाना पड़ेगा GNSS सिस्टम – Want to get rid of toll, will have to install GNSS system 

राष्ट्रीय राजमार्ग पर अब ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से लैस निजी वाहनों को 20 किमी तक कोई शुल्क नहीं देना होगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क-2008 के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। 

राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर निर्धारण और संग्रह) संशोधन नियम, 2024 के तहत राष्ट्रीय परमिट वाले वाहनों को छोड़कर अन्य निजी वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्ग, स्थायी पुल, बाईपास या सुरंग पर पहले 20 किमी की यात्रा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। इसके लिए मंत्रालय ने राष्ट्रीय व्राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 में संशोधन किया है। हालांकि, इस संशोधन से फास्टैग के जरिये टोल टैक्स का भुगतान करने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी।

टोल के लिए चिह्नित गेट - Gate marked for toll

जीएनएसएस युक्त वाहन के लिए चिहिनत गेट होगा। इस लेन में अगर कोई अन्य वाहन प्रवेश करता है, तो लागू उपयोगिता फीस से दो गुना शुल्क वसूला जाएगा। इसका उद्देश्य यातायात के दबाव को कम करना और वाहन चालकों से राजमार्ग की सटीक दूरी का शुल्क वसूलना है।

जीएनएसएस आधारित टोल टैक्स - GNSS based toll tax

https://youtu.be/yf8HqInrSxE?si=iUZdN_dwZk-I06u5

मंत्रालय ने इसी वर्ष जुलाई में फास्टैग के साथ कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों पर पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का फैसला किया था।

मौके पर ही चालान भरने के लिए पचास प्रतिशत की छूट - Fifty percent discount for paying challan on the spot

दिल्ली में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को जुर्माना राशि भरने में बड़ी राहत मिलने वाली है। अगर वाहन चालक ने चालान कटने के बाद मौके पर ही जुर्माना राशि जमा कर दी तो उसे 50 फीसदी की छूट मिलेगी। चालान कटने के बाद लंबे समय तक जुर्माना राशि नहीं जमा करने वालों से परेशान दिल्ली परिवहन विभाग ने एक मसौदा तैयार किया है।