जम्मू कश्मीर में चुनाव देख पाक खुफिया एजेंसी ISI का ब्लड प्रेशर हाई हो गया है। चुनाव में बाधा डालने के लिए अपने ऑल वेदर फ्रेंड चीन की तरह इस चुनाव के खिलाफ प्रॉपगेंडा का खेल शुरू कर दिया है। खुफिया सूत्रों ने कुछ वेवसाइट को चिन्हित कर खुफिया विभाग को सूचित कर दिया है।
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसी 10 साल में सबसे बड़ा काम हुआ जब केन्द्र सरकार ने धारा 370 को हटा दिया। इसके बाद देश के अन्य राज्यों को मिलने वाली केन्द्र की योजनाओं और सुविधाओं को जम्मू कश्मीर में भी लागू किया गया। जो जम्मू कश्मीर में अलगाववाद फैलाते थे उन पर नकेल कसी और उनकी जमी जमाई जमीन खींच ली। ये सब होता देख पाकिस्तान और यहां पर बैठे आंतकी आकांओं की नींद हराम हो गई। अब घाटी में चुनाव होना है तो एक बार फिर से पाकिस्तान और आतंकी तंजीम अपना फन फैलाने की कोशिश में जुटी है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चुनावों के बहिष्कार और चुनावों में हिस्सेदारी को रोकने के लिए पाकिस्तानी आतंकियों ने धमकी भरे संदेश से सोशल मीडिया को भरना शुरू कर दिया है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान की तरफ से ऑपरेट होने वाले दर्जनों सोशल मीडिया अकाउंट नेगेटिव हैशटैग के जरिए सोशल मीडिया में एंटी इंडिया सेंटीमेंट को हवा देने में जुटा है जिसमें नेगेटिव एलिमेंट, इंडियन ऑक्यूपेशन्, स्टेटहुड फॉर कश्मीर, राइट टू सेल्फ डौटरमिनेशन और शैम्पोल्स्लॉज जेके कश्मीर ब्लीड्स जैसे कई दर्जन अन्य हैशटैग को कश्मीरी आवाम के मोबाइल में सोशल मीडिया के जरिए पहुंचाया जा रहा है।
पुराने हैशटैग को भी ये हैक कर के पाकिस्तानी सोशल मीडिया फैलाने में जुटा है। जम्मू कश्मीर में अपनी जमीन खो चुके प्रो-पाकिस्तानी गुट हुर्रियत कॉनफ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी की बरसी के आसपास चुनावों का बहिष्कार, चुनाव विरोधी प्रचार बढ़ गया है। ये सोशल मीडिया हैंडल चुनाव के बहिष्कार करने की कॉल दे रहे हैं और आतंकी संगठन, कश्मीर फाइट सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की धमकी दे रहा है।
प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी चुनावी में तो खुद नहीं उतर सकता तो वो निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रहा है। दरअसल जमात पर अलगाववाद का समर्थन, सुरक्षाबलों के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन को समर्थन करने के आरोप है। इस संगठन को 28 फरवरी 2019 में गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत प्रतिबंधित कर दिया था और इस साल फरवरी में गृह मंकालय ने इस प्रतिबंध को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया। 1987 के बाद पहली बार जमात निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रहा है, जिसमें साउथ कश्मीर कुलगाम, पुलवामा, देवसर और जेनापोरा विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार है।