ममता बनर्जी पहुंची फुरफरा शरीफ, TMC की रणनीति

Diksha Sharma
ममता बनर्जी पहुंची फुरफरा शरीफ, TMC की रणनीति

ममता बनर्जी की फुरफुरा शरीफ यात्रा पर बीजेपी ने जिस तरह से हमला बोला है, वह पश्चिम बंगाल की राजनीति के पुराने ट्रेंड का हिस्सा है। बीजेपी इसे तुष्टिकरण के रूप में देखती है, जबकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) इसे अपने पारंपरिक मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति के रूप में इस्तेमाल करती है।

TMC की रणनीति

ममता बनर्जी पहुंची फुरफरा शरीफ, TMC की रणनीति
  1. मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करना – फुरफुरा शरीफ पश्चिम बंगाल के मुस्लिम समाज में बड़ा प्रभाव रखता है। वहां जाकर ममता बनर्जी यह संदेश देना चाहती हैं कि वह मुस्लिम समुदाय के समर्थन में हैं।
  2. संकीर्ण ध्रुवीकरण – जब बीजेपी इसे "मुस्लिम तुष्टिकरण" कहती है, तो इसका सीधा असर हिंदू वोटों पर पड़ता है, जिससे ध्रुवीकरण तेज होता है। इसका फायदा TMC को मुस्लिम वोटों में और बीजेपी को हिंदू वोटों में मिल सकता है।
  3. ISF को कमजोर करना – फुरफुरा शरीफ से अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) TMC के लिए चुनौती रही है। ममता बनर्जी वहां जाकर ISF की पकड़ कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।

बीजेपी का हमला

बीजेपी इस दौरे को तुष्टिकरण की राजनीति बताकर हिंदू वोटों को एकजुट करने की रणनीति अपना रही है। इससे पहले भी ममता बनर्जी के चंडी पाठ करने और जय श्रीराम नारों पर नाराज़गी जताने को बीजेपी ने मुद्दा बनाया था।

क्या यह रणनीति सफल होगी?

आपको क्या लगता है—यह ममता बनर्जी की मजबूती है या बीजेपी का अवसर?