आने वाले दिनों में भारत, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (India, America and UAE) के बीच अभूतपूर्व सैन्य सहयोग की शुरुआत होने वाली है। इसके तहत तीनों देशों के बीच सैन्य प्रशिक्षण, युद्धाभ्यास और सैन्य क्षेत्र से जुड़े सहयोग स्थापित किये जाएंगे। इसकी घोषणा अमेरिका व UAE के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद जारी संयुक्त रणनीतिक बयान में की गई है।
UAE को अमेरिका ने बनाया रक्षा साझेदार – America made UAE a defense partner
इस बयान में भारत एकमात्र देश है, जिसका जिक्र पांच बार किया गया है। संयुक्त बयान में अमेरिका व UAE ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत के साथ सैन्य सहयोग को महत्वपूर्ण मानते हुए इसे ज्यादा प्रगाढ़ करने की बात कही है। उक्त दोनों देशों ने भारत से मध्य पूर्व क्षेत्र से होते हुए यूरोप तक की कनेक्टिविटी
परियोजना को भी पूरा समर्थन देने की बात कही गई है। अमेरिका ने अभी तक सिर्फ भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया था। अब UAE को भी यह दर्जा दे दिया गया है। अमेरिका और UAE के बीच खाड़ी के क्षेत्र, पूर्वी अफ्रीका और हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य व रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है।
खाड़ी देशों में घट रहा है अमेरिका का प्रभाव – America’s influence is decreasing in Gulf countries
इसी क्रम में बताया गया है कि इनके बीच की साझेदारी अब भारत के साथ भी अभूतपूर्व सैन्य सहयोग की राह खोलेगा। कई अंतरराष्ट्रीय जानकारों ने अमेरिका और UAE की तरफ से की गई इस घोषणा को वैश्विक फलक पर दूरगामी असर वाला करार दिया है। कहा जा रहा है कि सऊदी अरब पर अमेरिका के घटते असर को बैलेंस करने के लिए अब अमेरिका UAE के साथ सैन्य सहयोग को प्रगाढ कर रहा है।
पिछले वर्ष ईरान और सऊदी अरब के बीच एक समझौता हुआ था। इसके पीछे चीन का हाथ होने की बात कही गई थी। इसे खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका के घटते प्रभाव के तौर पर भी देखा गया था।
I2U2 के साथ हुई थी तीनों देशों के बीच सहयोग की शुरुआत – Cooperation between the three countries started with I2U2
वैसे भारत, यूएई और अमेरिका के बीच एक सहयोग की शुरुआत जुलाई, 2022 में तब हुई थी, जब क्वाड की तर्ज पर ही I2U2 (भारत, इजरायल, यूएई व अमेरिका) संगठन की शुरुआत की घोषणा की गई थी। इसके शीर्ष नेताओं की वर्चुअल बैठक भी हुई थी, जिसमें खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर काम करने का एलान किया गया था। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में इस संगठन पर खास ध्यान नहीं दिया है। लेकिन, अब यूएई व भारत को प्रमुख सैन्य साझेदार बनाकर और इनके साथ सैन्य सहयोग का एलान कर अमेरिका ने खाड़ी क्षेत्र में एक तरह से अपनी नई रणनीति को भी सार्वजनिक किया है।
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