अगर आप घर बैठे खाने पीने का सामान ऑर्डर कर रहे हैं और अपनी सुविधाओं को प्राप्त करने वाली कंपनियों से
खाना ऑर्डर करने की सोच रहे हैं तो आपको 10 से 60% तक अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है. अंतरराष्ट्रीय
संस्था जेफरीज के दिल्ली समेत देशभर के 8 शहरों में 80 रेस्टोरेंट तकिए सर्वे में यह बात सामने आई है. जेफरीज
की रिपोर्ट के मुताबिक कमीशन और प्रचार में अधिक लागत से चलते ज्यादातर राष्ट्रों को फूड डिलीवरी एप और
रेस्ट रूम में दिए जाने वाले में न्यू के रेट में काफी अंतर होता है.
जो डिसा प्ले स्टोर में बैठकर ₹100 में खाते हैं फूड डिलीवरी एप पर वही टेस्ट आपको 110 से ₹160 में मिल रही
होती है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप पर विभिन्न ऑफर देने के बावजूद रेस्टो का ऑफलाइन शुल्क सस्ता पड़ता
है. जैसे कि रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर लगभग 10% तक की छूट ऑनलाइन दाम में मिल जाती है. उसके
बावजूद यह कीमत ऑफलाइन से लगभग 17 से 18% अधिक रहती है.
जाफरी ने देश के शीर्ष 8 शहरों में 80 राष्ट्रों का सर्वेक्षण किया जिसमें खाने की ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमतों
की तुलना की इसमें संस्था ने 120 से 2800 रूपए तक के 240 आर्डर बनाएं. जिन्हें अलग-अलग संस्थानों से
आर्डर किया गया था. सर्वेक्षण में अनुमानित 80% रेस्टोरेंट मैं परोसी जा रही डिस्क कीमत में ऑनलाइन या
ऑफलाइन में काफी बड़ा अंतर नजर आया है.
कीमतों में अंतर के तीन मुख्य कारण है. यह पैकिंग, प्रचार और कमीशन है. लगभग आधे रेस्टोरेंट पार्किंग शुल्क
लगाते हैं. जो बिल का 4 से 5% है ग्राहकों से अनुमानित लागत का लाभ 13% डिलीवरी शुल्क भी लेते हैं. इसी
प्रकार हर रेस्टोरेंट का फूड डिलीवरी एप के साथ अलग-अलग कमीशन भी तय होता है.इन तीन कारणों की वजह से
रसूल और डिलीवरी फ़ूड में एक बड़ा अंतर देखा जाता है.