दिल्ली यूनिवर्सिटी की इंटर्नशिप योजना को आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरू, आइए जानते है क्या है पूरी जानकारी

hAlUBAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAADwDM68AAGscMf9AAAAAElFTkSuQmCC दिल्ली यूनिवर्सिटी की इंटर्नशिप योजना को आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरू, आइए जानते है क्या है पूरी जानकारी

डीयू यूजी और पीजी छात्रों के लिए कुलपति प्रशिक्षण योजना (वाइस चांसलर इंटर्नशिप स्कीम) शुरू करने जा रहा
है। इसके अंतर्गत छात्र पढ़ाई के साथ ही अपना कौशल विकास कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे। विश्वविद्यालय इसके
तहत 200 छात्रों का चयन करेगा।

चयनित विद्यार्थियों को पांच से 10 हजार रुपये प्रशिक्षण के दौरान मिलेंगे। योजना में शामिल होने वाले
विद्यार्थियों को कॉलेज, विभाग या सेंटर से अनुमति पत्र लाना आवश्यक होगा। डीयू के डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर
के कार्यालय के तहत यह योजना शुरू हो रही है। डीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो.पंकज अरोड़ा का कहना है कि
इंटर्नशिप छात्रों के कौशल विकास को बढ़ाने का एक तरीका है। यह सीखने का एक मंच है। इससे छात्र अपने
मानसिक कौशल का विस्तार करते हैं। चयन का आधार साक्षात्कार होगा। यह वर्ष में दो बार आयोजित होगी। इसे
इस साल डीयू में दाखिले के साथ ही शुरू किया जाएगा। शॉर्ट टर्म इंटर्नशिप में पांच हजार और फुल टाइम में 10
हजार रुपये छात्रों को दिए जाएंगे। ज्ञात हो कि डीयू के पूर्व कुलपति प्रो.दिनेश सिंह के कार्यकाल में भी इंटर्नशिप की
योजना शुरू हुई थी लेकिन इसमें छात्रों को पैसा नहीं दिया जाता था।

आठ सप्ताह की होगी इंर्टनशिप

ग्रीष्म अवकाश के दौरान दी जाने वाली ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप आठ सप्ताह की होगी। इसमें प्रति सप्ताह 15-20
घंटे विद्यार्थी अपना समय दे सकते हैं। शैक्षणिक सत्र के दौरान इंटर्नशिप में प्रति सप्ताह 8 से 10 घंटे का समय
विद्यार्थी दे सकेंगे। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान एक छात्र केवल एक बार ही इस योजना का
लाभ उठा सकता है। किसी भी परिस्थिति में इंटर्नशिप की अधिकतम अवधि छह महीने से अधिक नहीं होगी।

● यह इंटर्नशिप स्कीम विश्वविद्यालय प्रणाली के साथ अपनेपन की भावना का संचार करेगी।

● यह डीयू के छात्रों को उनके स्थानीय समुदाय से जोड़ेगी और उन्हें वास्तविक दुनिया के अनुभव प्रदान करेगी।

● यह छात्रों को उपलब्ध दस्तावेजों को एकत्रित, व्यवस्थित करने और मिलान करने में प्रशिक्षित करेगी

● यह पेशेवर योग्यता विकसित करेगी और व्यक्तिगत चरित्र को मजबूत करेगी

● संस्थान जिम्मेदारी की भावना पैदा करेगा और विश्वविद्यालय के साथ संबंध मजबूत करेगा।

Total
0
Shares
Previous Post
प्रतिबंध पर भी नहीं रुक रहा प्लास्टिक का प्रयोग, आइए क्या है जानकारी

प्रतिबंध पर भी नहीं रुक रहा प्लास्टिक का प्रयोग, आइए क्या है जानकारी

Next Post
6वें महीने के लिए ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक जीएसटी संग्रह

6वें महीने के लिए ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक जीएसटी संग्रह

Related Posts
Total
0
Share