चेतन आनंद (Chetan Anand), हिंदी सिनेमा की वह शख्सियत है, जिसने बॉलीवुड को दुनियाभर में पहचान दिलाने में अहम योगदान दिया था। चेतन आनंद भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध निर्माता और निर्देशक थे। उनकी फिल्म ने पहली बार कांस फिल्म फेस्टिवल में देश को पहचान दिलाई थी और अवॉर्ड जीता था। चेतन आनंद की 3 जनवरी को 102वीं बर्थ एनिवर्सरी है।
जीवन
चेतन आनंद का जन्म 3 जनवरी 1921 को हुआ था। उनके पिता का नाम पिशोरी लाल आनंद था, वह एक वकील थे। चेतन आनंद का जन्म लाहौर पाकिस्तान में हुआ । चेतन आनंद बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और उन्हें कहानियां लिखने का शौक था। इसी शौक के चलते वह न सिर्फ फिल्मों में आए, बल्कि नवकेतन फिल्म्स की शुरुआत भी की। आपको बता दें कि चेतन आनंद के परिवार का एक्टिंग की दुनिया से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था।
चेतन आनंद बायोग्राफी – Chetan Anand Biography In Hindi
जन्म | 3 जनवरी 1921 |
स्थान | लाहौर, पाकिस्तान |
पेशा | फिल्म निर्माता, निर्देशक,अभिनेता,पटकथा |
कार्यकाल | 1944–1994 |
देहरादून स्कूल में की पढ़ाई
चेतन आनंद को लिखने का भी शौक था, इसलिए जब एक बार स्कूल में हिस्ट्री पढ़ा रहे थे तो तभी उन्होंने राजा अशोक पर एक स्क्रिप्ट लिखी। इस स्क्रिप्ट को उन्होंने डायरेक्टर फनी मजूमदार को दिखाया। यहां तक भी चेतन आनंद को फिल्मों में जाने का शौक नहीं था। वह तो इंडियन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने इसका एग्जाम भी दिया था, पर वह इसमें फेल हो गए।
एक्टिंग में नहीं थी दिलचस्पी
1944 में ‘राजकुमार’ नाम से एक फिल्म आयी, जो फनी मजूमदार द्वारा बनाई गई जिसमे उन्हीने चेतन आनंद को लीड रोल में साइन किया। लेकिन चेतन आनंद को एक्टिंग में दिलचस्पी नहीं थी। वह जल्द ही फिल्म डायरेक्शन की ओर मुड़ गए।
1946 में की पहली फिल्म डायरेक्ट
चेतन आनंद ने 1946 में फिल्में डायरेक्ट करना शुरू कर दिया। उन्होंने पहली जो फिल्म डायरेक्ट की, उसका नाम था ‘नीचा नगर’। उसी साल कांस फिल्म फेस्टिवल की भी शुरुआत हुई थी। पहले ही कांस फिल्म फेस्टिवल में ‘नीचा नगर’ छा गई। इसने फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड जीता। ‘नीचा नगर’ पहली देश की फिल्म थी, जिसने कांस में अवॉर्ड जीता था। इस फिल्म में कामिनी कौशल लीड रोल में थीं। लेकिन इस फिल्म को आज तक भी इंडिया में रिलीज नहीं किया गया है। चूंकि फिल्म की कहानीअमीरी और गरीबी और ऊंच-नीच के अंतर की थी, इसलिए इस पर विवाद भी हुआ और इंडिया में कभी रिलीज नहीं किया गया।
देव आनंद को फिल्मों में किया लॉन्च
50 के दशक में चेतन ने अपने भाई देव आनंद के साथ मिलकर नवकेतन फिल्म्स की शुरुआत की और कई फिल्में बनाईं। अपने बैनर तले चेतन आनंद ने भाई देव आनंद को लेकर पहली फिल्म ‘अफसर’ बनाई, जो सफल रही। इसके बाद उन्होंने देव आनंद को लेकर ‘टैक्सी ड्राइवर’ और ‘आंधियां’ बनाईं और वो भी हिट रहीं। इस तरह चेतन आनंद ने भाई देव आनंद को नवकेतन फिल्म्स से बॉलीवुड में लॉन्च किया और स्टार बना दिया।
चेतन आनंद को पसंद थी प्रिया राजवंश
शादीशुदा होने के बावजूद चेतन आनंद, प्रिया राजवंश को दिल दे बैठे थे। चेतन आनंद अपनी पत्नी उमा से तलाक चाहते थे ताकि प्रिया राजवंश से शादी कर पाएं। लेकिन उस समय तलाक को लेकर समाज इतने खुले विचारों वाला नहीं था। यही वजह थी कि चेतन आनंद का तलाक नहीं हुआ और वे प्रिय राजवंश से शादी नहीं कर पाए। हैरान करने वाली बात ये थी, कि साल 1997 में चेतन आनंद का निधन हो गया। चेतन आनंद के निधन के 3 साल बाद ही प्रिया राजवंश की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। वह अपने घर में मृत मिली थीं।