कर्पूरी ठाकुर – Karpoori Thakur

कर्पूरी ठाकुर - Karpoori Thakur

बिहार की राजनीती में कर्पूरी ठाकुर का नाम बहुत ही प्रसिद्ध है। कर्पूरी ठाकुर का नाम सभी वर्गों द्वारा बड़े ही आदर से लिया जाता है। कर्पूरी ठाकुर को जननायक कहकर भी संबोधित किया जाता है। कर्पूरी ठाकुर 1970-79 के बीच बिहार के दो-दो बार मुख्यमंत्री और बाद में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।

जन्म व आरम्भिक शिक्षा

कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) गाँव में 24 जनवरी, 1924 के दिन  हुआ था। गोकुल ठाकुर और रामदुलारी देवी उनके माता-पिता थे। वे नाई समुदाय में जन्मे थे। उन्होंने वर्ष 1940 में मैट्रिक की परीक्षा पटना विश्‍वविद्यालय से द्वितीय श्रेणी में पास की। अपने बचपन से ही कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के लिए अपना स्नातक कॉलेज छोड़ दिया। 

कर्पूरी ठाकुर पर PM मोदी का लेख : जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को श्रद्धांजलि

कर्पूरी ठाकुर पर PM मोदी का लेख : जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को श्रद्धांजलि

हमारे जीवन पर कई लोगों के व्यक्तित्व का प्रभाव रहता है। जिन लोगों से हम मिलते हैं, हम जिनके संपर्क में रहते हैं, उनकी बातों का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन कुछ ऐसे…

जेल में बिताये 26 महीने

कर्पूरी ठाकुर ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वतंत्रता सेनानियों विशेषकर, गांधीजी और सत्यनारायण सिन्हा से अत्यधिक प्रभावित थे। वह ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में बतौर छात्र कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने हेतु अपना स्नातक कॉलेज छोड़ दिया, जिस कारण उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए।

स्वतंत्रता पश्चात्

उन्होने स्वतंत्रता के बाद अपने गाँव में शिक्षक के रूप में काम किया। वर्ष 1952 में वह सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ताजपुर निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा के प्रथम बार सदस्य बने। कहा जाता है कि उनकी राजनीती आम जनमानस, विशेषकर पिछड़ों और दलितों, को समर्पित थी। इसी का उदहारण सन् 1970 की घटना के रूप में देखने को मिलता है। दरअसल, वर्ष 1970 में, उन्होंने टेल्को मजदूरों के हित को बढ़ावा देने के लिए 28 दिनों तक आमरण अनशन किया। पिछड़ों, दलितों और वंचित तबकों की आवाज बनने के कारण कर्पूरी ठाकुर को ‘जननायक’ के नाम से सम्बोधित किया जाने लगा। इसके पूर्व भी वर्ष 1960 में केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों की आम हड़ताल के दौरान पी एंड टी कर्मचारियों का नेतृत्व करने के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनका नारा था – “सौ में नब्बे शोषित हैं,शोषितों ने ललकारा है। धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है॥”

Karpoori Thakur 2 कर्पूरी ठाकुर - Karpoori Thakur

सौ में नब्बे शोषित हैं,शोषितों ने ललकारा है।
धन, धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है॥

– कर्पूरी ठाकुर

ईमानदारी की मिसाल 

भारत के राजनेता अपने भ्रष्टाचार के कारण अक्सर सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। आये दिन करोड़ो रुपयों के घोटाले में आए दिन नेताओं के नाम उछलते रहते है। बिहार राज्य तो भ्रटाचार के कारण कुख्यात रहा है। लेकिन, उसी बिहार में कर्पूरी जैसे नेता भी हुए। उनकी ईमानदारी के कई किस्से आज भी बिहार में आपको सुनने को मिलते हैं। 

कहा जाता है कि जब कर्पूरी ठाकुर सीएम बने तो एक दिन उनके बहनोई नौकरी की सिफारिश के लिए उनके पास पहुंचे। जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाले और अपने बहनोई को पैसे देते हुए सलाह दी कि वो बाजार से एक उस्तरा खरीद लें और पुराने/पैतृक पेशे को शुरू कर दें। सीएम बनने के बाद उन्होंने अपने बेटे को पत्र लिखकर सलाह दे दी थी कि वो इस बात से बिल्कुल प्रभावित ना हो कि उनके पिता मुख्यमंत्री बन गए हैं। उन्होंने लिखा कि वो किसी के लोभ-लालच में ना फंसे। इससे उसके पिता की बदनामी होगी। कर्पूरी ठाकुर 1952 से लगातार विधायक रहे, पर अपने लिए उन्होंने कहीं एक मकान तक नहीं बनवाया। 

कर्पूरी ठाकुर की राजनितिक यात्रा – Political Journey of Karpoori Thakur

  • 1946 – कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की सदस्यता ली
  • 1947 – राम मनोहर लोहिया ने उन्हें अखिल भारतीय हिंद-किसान पंचायत का राज्य सचिव बनाया, जिसका गठन उन्होंने
  • 1948-52 में किया था – लोहिया ने उन्हें सोशलिस्ट पार्टी का बिहार सचिव बनाया
  • 1952 (जून-अगस्त) – लोहिया ने उन्हें वियना में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी युवा सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश दौरे पर भेजा, यूगोस्लाविया का दौरा किया, राष्ट्रपति मार्शल टीटो से मुलाकात की
  • 1967 – 1968 – बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री
  • 1972 – ताजपुर से विधानसभा के लिए चुने गए
  • 1977 – समस्तीपुर से लोकसभा के लिए चुने गए
  • 1980 – समस्तीपुर से विधानसभा के लिए चुने गए
  • 1985 – के लिए चुने गए सोनबरसा से विधानसभा, नेता प्रतिपक्ष बने
  • 1970 – 1971 – बिहार के मुख्यमंत्री
  • 1977 – 1979 – बिहार के मुख्यमंत्री

निधन और सम्मान

64 साल की उम्र में 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से कर्पूरी ठाकुर का निधन जो गया। जननायक के नाम से प्रसिद्ध कर्पूरी ठाकुर को नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार द्वारा उनकी जयंती (24 जनवरी) पर मरणोपरांत भारत रत्न देकर सम्मानित किया गया।

भारत रत्न – Bharat Ratna

वर्ष प्राप्तकर्ता के बारे में
2024 चौधरी चरण सिंह – Chaudhary Charan Singh उप प्रधान मंत्री, महान जन नेता, सामाजिक-राजनीतिक नेता।
पी० वी० नरसिंह राव – P. V. Narasimha Rao प्रधान मंत्री, महान जन नेता, सामाजिक-राजनीतिक नेता।
एम एस स्वामीनाथन – M.S. Swaminathan भारत में हरित क्रांति के जनक।
लालकृष्ण आडवाणी – Lal Krishna Advani उप प्रधान मंत्री, महान जन नेता, सामाजिक-राजनीतिक नेता।
कर्पूरी ठाकुर – Karpoori Thakur सामाजिक न्याय के प्रणेता, महान जननेता, सामाजिक-राजनीतिक।
2019 भूपेन हजारिका – Bhupen Hazarika असम के भारतीय पार्श्व गायक, गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म निर्माता।
नानाजी देशमुख – Nanaji Deshmukh भारत के एक सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण आत्मनिर्भरता।
प्रणब मुखर्जी – Pranab Mukherjee भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता।
2015 अटल बिहारी बाजपेयी – Atal Bihari Bajpayee नौ बार लोकसभा के लिए, दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए और तीन बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।
मदन मोहन मालवीय – Madan Mohan Malaviya विद्वान एवं शिक्षा सुधारक.
2014 सचिन तेंडुलकर – Sachin Tendulkar क्रिकेटर
सीएनआर राव – C. N. R. Rao रसायनज्ञ और प्रोफेसर, लेखक
2009 भीमसेन जोशी – Bhimsen Joshi हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक
2001 बिस्मिल्लाह खान – Bismillah Khan हिंदुस्तानी शास्त्रीय शहनाई वादक
लता मंगेशकर – Lata Mangeshkar गायक
1999 पण्डित रवि शंकर – Pandit Ravi Shankar संगीतकार, सितारवादक
गोपीनाथ बोरदोलोई – Gopinath Bordoloi कार्यकर्ता
अमर्त्य सेन – Amartya Sen अर्थशास्त्री
जयप्रकाश नारायण – Jayaprakash Narayan कार्यकर्ता, और समाज सुधारक
1998 चिदम्बरम सुब्रमण्यम – Chidambaram Subramaniam कार्यकर्ता और भारत के पूर्व कृषि मंत्री
एमएस सुब्बुलक्ष्मी – M. S. Subbulakshmi कर्नाटक शास्त्रीय गायक
1997 ए पी जे अब्दुल कलाम – A.P.J Abdul Kalam एयरोस्पेस और रक्षा वैज्ञानिक
अरुणा आसफ अली – Aruna Asaf Ali कार्यकर्ता
गुलजारीलाल नंदा – Gulzarilal Nanda कार्यकर्ता, और भारत के अंतरिम प्रधान मंत्री।
1992 सत्यजीत रे – Satyajit Ray निर्देशक, फिल्म निर्माता, लेखक, उपन्यासकार
जेआरडी टाटा – J. R. D. Tata उद्योगपति, परोपकारी और विमानन अग्रणी
अबुल कलाम आज़ाद – Abul Kalam Azad कार्यकर्ता और प्रथम शिक्षा मंत्री
1991 मोरारजी देसाई – Morarji Desai कार्यकर्ता, और भारत के प्रधान मंत्री
वल्लभभाई पटेल – Vallabhbhai Patel कार्यकर्ता और भारत के पहले उप प्रधान मंत्री
राजीव गांधी – Rajiv Gandhi गांधी 1984 से 1989 तक भारत के नौवें प्रधान मंत्री थे।
1990 नेल्सन मंडेला – Nelson Mandela दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता, दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति
बीआर अंबेडकर -B.R. Ambedkar समाज सुधारक और दलितों के नेता
1988 एमजी रामचन्द्रन – M. G. Ramachandran अभिनेता से राजनेता बने, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री
1987 खान अब्दुल गफ्फार खान – Khan Abdul Ghaffar Khan प्रथम गैर-नागरिक, स्वतंत्रता सेनानी
1983 विनोबा भावे – Vinoba Bhave कार्यकर्ता, समाज सुधारक और महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी
1980 मदर टेरेसा – Mother Teresa कैथोलिक नन और मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की संस्थापक।
1976 के. कामराज – K. Kamaraj स्वतंत्रता कार्यकर्ता और राजनेता, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री
1975 वीवी गिरि – V. V. Giri श्रम संघवादी
1971 इंदिरा गांधी – Indira Gandhi भारत की प्रथम महिला प्रधान मंत्री
1966 लाल बहादुर शास्त्री – Lal Bahadur Shastri कार्यकर्ता और भारत के दूसरे प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया
1963 पांडुरंग वामन काणे – Pandurang Vaman Kane इंडोलोजिस्ट और संस्कृत विद्वान, अपने पांच खंडों के साहित्यिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं
जाकिर हुसैन – Zakir Husain कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री और शिक्षा दार्शनिक ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति और बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया
1962 डॉ राजेंद्र प्रसाद – Dr. Rajendra Prasad कार्यकर्ता, वकील, राजनेता और विद्वान
1961 पुरूषोत्तम दास टंडन – Purushottam Das Tandon कार्यकर्ता और संयुक्त प्रांत विधान सभा के अध्यक्ष
बिधान चंद्र रॉय – Bidhan Chandra Roy चिकित्सक, राजनीतिक नेता, परोपकारी, शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता
1958 धोंडो केशव कर्वे – Dhondo Keshav Karve समाज सुधारक और शिक्षक
1957 गोविंद बल्लभ पंत – Govind Ballabh Pant कार्यकर्ता और उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री
1955 जवाहर लाल नेहरू – Jawaharlal Nehru कार्यकर्ता और लेखक ने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया
एम. विश्वेश्वरैया – M. Visvesvaraya सिविल इंजीनियर, राजनेता और मैसूर के दीवान
भगवान दास – Bhagwan Das कार्यकर्ता, दार्शनिक और शिक्षाविद्
1954 सी वी रमन – C. V. Raman भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ और वैज्ञानिक
सर्वपल्ली राधाकृष्णन – Sarvapalli Radhakrishnan भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति
सी. राजगोपालाचारी – C. Rajagopalachari कार्यकर्ता, राजनेता और वकील
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