श्री के एफ रूस्तमजी का जन्म 22 मई 1916 को महाराष्ट्र के नागपुर शहर के काम्पटी नामक स्थान में एक पारसी परिवार में हुआ था। अपनी प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा इन्होंने नागपुर के ‘सेन्ट फ्रांसिस डे सेल्स’ नामक स्कूल से और तदोपरांत उच्च शिक्षा नागपुर के ही साइंस कॉलेज से ग्रहण की, जहाँ से इन्होंने विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।
अपने कैरियर की शुरूआत साइंस कॉलेज में जीव विज्ञान के डेमोन्स्ट्रेटर पद से की (1936 से 1938 तक)। सन् 1938 में ही प्रतिष्ठित पुलिस सेवा – इम्पीरियल पुलिस (आईपी), जिसे आज भारतीय पुलिस सेवा के नाम से जाना जाता है, के लिये चयनित किये गये।
सन् 1952 में उपनिदेशक की हैसियत से आसूचना ब्यूरो (आईबी) में प्रतिनियुक्ति पर गए। अपनी अन्य ड्यूटियों के अतिरिक्त रुस्तम जी एक लम्बे अरसे तक देश के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू के सुरक्षा प्रभारी भी रहे।
के एफ रूस्तमजी बायोग्राफी – KF Rustamji Biography In Hindi
नाम | खुसरो फारामर्ज़ रुस्तमजी |
जन्म | 22 मई 1916 |
जन्म स्थान | काम्पटी नागपुर, महाराष्ट्र |
मृत्यु | मार्च 2003 |
युद्ध | भारत-पाक युद्ध |
सम्मान | पद्म भूषण, पद्म विभूषण |
अगस्त 1965 में भारत पाक युद्ध के कुछ दिन बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें नवगठित केन्द्रीय सीमा रक्षक बल, सीमा सुरक्षा बल के पहले महानिदेशक के तौर पर चयनित किया। सीमा सुरक्षा बल को एक बहुआयामी एवं शक्तिशाली बल के रूप में स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं के सूत्रपात का श्रेय भी श्री रूस्तमजी को जाता है।
1971 के भारत-पाक युद्ध में सीमा सुरक्षा बल की यादगार भूमिका के प्रेरणा स्त्रोतों में श्री रुस्तमजी का नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज है। यह उनकी रणनीति का ही परिणाम था कि सीमा सुरक्षा बल ने देश के पूर्वी मोर्चे पर पाकिस्तान की नियमित और अनियमित सैन्य टुकडियों के साथ अत्यंत ही प्रभावी युद्ध लड़ा।
श्री रूस्तमजी भारत सरकार में विशेष सचिव (गृह मंत्रालय 1974-1976), सदस्य -राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1978-1983), पुलिस अनुसंधान एवं विकास सलाहकार परिषद (1985) एवं नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल जैसे अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे।
फोटो गैलरी – Photo Gallery
श्री रूस्तमजी को राष्ट्र के प्रति अतुलनीय योगदान के लिये सन् 1991 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। इसके पहले सन् 1972 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
पैरा मिलिट्री फोर्स द्वारा स्थापित भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज रुस्तमजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Rustamji Institute of Technology) का नाम उनके नाम पर रखा गया है।