‘कोई दीवाना कहता है’, शृंगार रस के कवि माने जाने वाले कवि कुमार विश्वास, एक भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। वे आम आदमी पार्टी के नेता रह चुके हैं। उनका मूल नाम विश्वास कुमार शर्मा है। वे युवाओं के अत्यन्त प्रिय कवि हैं।
कुमार विश्वास जीवन परिचय – Kumar Vishwas Biography
जन्म | 10 फ़रवरी 1970 |
पेशा | कवि, राजनीतज्ञ, प्रवक्ता |
उल्लेखनीय कार्य | एक पगली लड़की के बिन (1996) ‘कोई दीवाना कहता है’ (2007) होंठों पर गंगा हो (2016) फिर मेरी याद (2019 |
संतान | कुहू, अग्रता |
पुरस्कार | डॉ॰ कुंवर बेचैन काव्य-सम्मान एवम पुरस्कार समिति द्वारा 1994 में ‘काव्य-कुमार पुरस्कार’ साहित्य भारती, उन्नाव द्वारा 2004 में ‘डॉ॰ सुमन अलंकरण’ हिन्दी-उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में ‘साहित्य-श्री’ डॉ॰ उर्मिलेश जन चेतना मंच द्वारा 2010 में ‘डॉ॰ उर्मिलेश गीत-श्री’ सम्मान |
जीवन एवं शिक्षा – Life and Education
कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी, 1970 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के पिलखुआ में एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ॰ चन्द्रपाल शर्मा, आर एस एस डिग्री कॉलेज (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से सम्बद्ध), पिलखुआ में प्रवक्ता रहे। उनकी माता श्रीमती रमा शर्मा गृहिणी हैं। वे चार भाईयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। राजपूताना रेजिमेंट इंटर कॉलेज से बारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें इंजीनियर (अभियंता) बनाना चाहते थे। डॉ॰ कुमार विश्वास का मन मशीनों की पढ़ाई में नहीं लगा और उन्होंने बीच में ही वह पढ़ाई छोड़ दी। तत्पश्चात उन्होंने “कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना” विषय पर पीएचडी प्राप्त किया
कुमार विश्वास ने अपनी पहली नौकरी राजस्थान में प्रवक्ता के तौर पर 1994 में की थी। हाल में कुमार विश्वास हिन्दी कविता जगत में मंच पर सबसे व्यस्त कवि हैं, वे पत्रिकाओं में नियमित लिखते हैं, कवि सम्मेलनों में कविता पाठ भी करते रहते हैं।
कार्य-काल – Career
शृंगार रस के कवि माने जाने वाले कवि कुमार विश्वास का कविता संग्रह ‘कोई दीवाना कहता है’। उन्होंने कई सुंदर कविताएं लिखी हैं जिनमे हिंदी कविता के नवरस मिलते हैं। उन्होंने अपने से पूर्व में हुए महनीय कवियों को श्रद्धांजलि देते हुए ‘तर्पण’ नामक टीवी कार्यक्रम भी बनाया, विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- ‘इक पगली लड़की के बिन’ (1996) और ‘कोई दीवाना कहता है’ (2007 और 2010 दो संस्करण में)।
विख्यात लेखक स्वर्गीय धर्मवीर भारती ने डॉ० विश्वास को इस पीढ़ी का सबसे ज़्यादा सम्भावनाओं वाला कवि कहा है। हिन्दी गीतकार ‘नीरज’ ने उन्हें निशा-नियामक की संज्ञा दी है।
वो अब तक हज़ारों कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता-पाठ और संचालन कर चुके हैं। देश के सैकड़ों प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में उनके एकल कार्यक्रम होते रहे हैं। इनमें आई आई टी खड़गपुर, आई आई टी बी एच यू, आई एस एम धनबाद, आई आई टी रूड़की, आई आई टी भुवनेश्वर, आई आई एम लखनऊ, एन आई टी जलंधर, एन आई टी त्रिचि, इत्यादि कई संस्थान शामिल हैं। कई कॉर्पोरेट कंपनियों में भी डॉ॰ विश्वास को अक्सर कविता-पाठ के लिए बुलाया जाता है।
पुरस्कार – Awards
- डॉ॰ कुंवर बेचैन काव्य-सम्मान एवम पुरस्कार समिति द्वारा 1994 में ‘काव्य-कुमार पुरस्कार’
- साहित्य भारती, उन्नाव द्वारा 2004 में ‘डॉ॰ सुमन अलंकरण’
- हिन्दी-उर्दू अवार्ड अकादमी द्वारा 2006 में ‘साहित्य-श्री’
- डॉ॰ उर्मिलेश जन चेतना मंच द्वारा 2010 में ‘डॉ॰ उर्मिलेश गीत-श्री’ सम्मान।