नानाजी देशमुख भारत के एक समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण स्वावलंबन के क्षेत्र में काम किया। नानाजी देशमुख, जिनका पूरा नाम चंडिकादास अमृतराव देशमुख था, एक प्रमुख भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक विचारक भी थे।
नानाजी देशमुख का जीवन निस्वार्थ सेवा, सामाजिक उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्धता और समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए अटूट समर्पण का एक ज्वलंत उदाहरण है। ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में उनके योगदान ने भारत पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
11 अक्टूबर, 1916 को महाराष्ट्र के परभणी जिले के छोटे से शहर कडोली में जन्मे नानाजी देशमुख संघ परिवार के दिग्गज, जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे।
Nanaji Deshmukh Information | |
Full Name | Chandikadas Amritrao Deshmukh |
Born | October 11, 1916 |
Born Place | Kadoli, Parbhani District, Hyderabad State, British India (present-day Kadoli, Hingoli District, Maharashtra, India) |
Died | February 27, 2010 |
Political Party | Bharatiya Jana Sangh |
Education | BITS Pilani |
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नानाजी देशमुख छोटी उम्र से ही समाज सेवा के प्रति समर्पित थे। वह समाज के वंचित और हाशिए पर मौजूद वर्गों के उत्थान के उद्देश्य से की गई कई सामाजिक पहलों का हिस्सा थे। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय था।
27 फरवरी, 2010 को 93 वर्ष की आयु में उनका निधन चित्रकूट में हो गया। उनके निधन के बाद, उनकी इच्छा के अनुसार, उनका शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को दान कर दिया गया।
समाज सेवा के प्रति नानाजी देशमुख के अथक समर्पण और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान ने उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान दिलाये। राष्ट्र के प्रति उनकी असाधारण सेवाओं के सम्मान में उन्हें 1999 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से तथापि 2019 में देश का सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।