नरेन्द्र दामोदरदास मोदी स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हैं। साल 2014 से नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) वाराणसी लोकसभा से निर्वाचित सदस्य होने के साथ साथ भारत के 14वें प्रधानमंत्री नियुक्त हुए। इससे पहले नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे।
नाम | नरेंद्र दामोदरदास मोदी |
जन्म | सितम्बर 17, 1950 |
जन्म स्थान | वडनगर, गुजरात, भारत |
पिता | दामोदरदास मोदी |
माता | हीराबेन |
अल्मा मैटर | परास्नातक (राजनीति विज्ञान) |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
पद | मुख्यमंत्री (गुजरात), प्रधानमंत्री (भारत) |
संगठन | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ |
पत्नी | जसोदाबेन मोदी |
संघ के निष्ठावान प्रचारक के रूप में अपना जीवन संघ को समर्पित करने वाले नरेन्द्र मोदी जब विश्वविद्यालय के छात्र थे तभी से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे। उन्होंने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलायी और भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभायी। एक वयस्क के रूप में मोदी की पहली ज्ञात राजनीतिक गतिविधि 1971 में थी जब वे अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में दिल्ली में भारतीय जनसंघ के सत्याग्रह में शामिल हुए, ताकि राजनीतिक युद्ध के मैदान में प्रवेश किया जा सके।
नरेंद्र मोदी की मेहनत का ही असर था कि भाजपा ने गुजरात में अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफलता हासिल की। अप्रैल 1990 में केन्द्र में मिली जुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, तभी गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। उस समय दो राष्ट्रीय स्तर की घटनायें देश की राजनीति को प्रभावित कर रहीं थीं। एक और जहाँ मोदी के बहुत ही पसंदीदा नेता लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा में मोदी उनका सहयोग कर रहे थे वहीं दूसरी और मुरली मनोहर जोशी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा का संचालन भी नरेंद्र मोदी की देखरेख में हो रहा था।
गुजरात में शंकरसिंह वाघेला के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केशुभाई पटेल को गुजरात राज्य की कमान सौंपी गयी तथा नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मन्त्री का दायित्व सौंपा गया। 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमन्त्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी।
गोवा में भाजपा कार्यसमिति द्वारा नरेन्द्र मोदी को 2014 के लोक सभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी गयी थी। 13 सितम्बर 2013 को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में आगामी लोकसभा चुनावों के लिये प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। मोदी ने प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद चुनाव अभियान की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी। एक सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से भारी मतों से विजयी हुए। अपना 5 साल का पहला कार्यकाल सफलतापूर्वक समाप्त किया।
2019 के लोकसभा चुनावों में भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही। जिसका श्रेय संपूर्ण रूप से नरेंद्र मोदी की कार्यशैली एवं उनके उभरते वैश्विक नेता के रूप में स्थापित व्यक्तित्व को देना ही उचित होगा।
2024 के लोकसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन को दोहराते हुए भाजपा पूर्ण बहुमत तो नहीं प्राप्त कर सकी लेकिन नरेंद्र मोदी गठबंधन सरकार के नेतृत्व में तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री नियुक्त होने के साथ एक नई उपलब्धि अपने नाम की।