राजेन्द्र अवस्थी हिंदी के प्रख्यात पत्रकार एवं लेखक थे, उनका जन्म मध्य प्रदेश में जबलपुर ज्योतिनगर गढ़ा इलाके में हुआ। नवभारत, सारिका, कदंबानी, नंदन और साप्ताहिक हिंदुस्तान आदि के वे संपादक रहे। राजेन्द्र अवस्थी को ऑथर गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे ।
राजेन्द्र अवस्थी जीवन परिचय – Rajendra Awasthi Biography
जन्म | 25 जनवरी 1930, जबलपुर |
पिता | धनेश्वर प्रसाद |
माता | बेटी बाई |
कार्य क्षेत्र | साहित्यकार और पत्रकार |
संतान | तीन पुत्र, दो पुत्रियाँ |
मृत्यु | 30 दिसम्बर 2009, दिल्ली |
जीवन – Life
राजेन्द्र अवस्थी का जन्म 25 जनवरी 1930 को हुआ, प्रारम्भिक शिक्षा जबलपुर से करने के बाद वर्ष 1950 से 1957 तक कॉलेटर लिपिक के पद पर कार्य किया। 1957 में वे पत्रिकारिता के क्षेत्र में आए। राजेन्द्र अवस्थी जी ने कई प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं समाचार पत्रों में सम्पादन कार्य किया। जबलपुर से दिल्ली आने के बाद उन्होंने कई सामाजिक विसंगतियों पर कार्य किया,उस पर साहित्य रचा और पत्राचार में भी सक्रियता बनाए रखी। उन्होंने उपन्यास, कहानी, निबंध, यात्रा व्रतांत के साथ-साथ उनका दार्शनिक स्वरूप है जो शायद ही किसी कथाकार में देखने को मिलता है। दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी ने 1997-1998 में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया।
उनके उपन्यासों में सूरज किरण की छाँव, जंगल के फूल, जाने कितनी आँखें, बीमार शहर, अकेली आवाज और मछलीबाजार शामिल हैं। मकड़ी के जाले, दो जोड़ी आँखें, मेरी प्रिय कहानियाँ और उतरते ज्वार की सीपियाँ, एक औरत से इंटरव्यू और दोस्तों की दुनिया उनके कविता संग्रह हैं जबकि उन्होंने जंगल से शहर तक नाम से यात्रा वृतांत भी लिखा है।
कथाकार और पत्रकार होने के साथ ही, उन्होंने सांस्कृतिक राजनीति तथा सामयिक विषयों पर भी भरपूर लिखा है। अनेक दैनिक समाचार-पत्रों तथा पत्रिकाओं में उनके लेख प्रमुखता से छपते रहे। उनकी बेबाक टिप्पणियाँ अनेक बार आक्रोश और विवाद को भी जन्म देती रहीं, लेकिन अवस्थी जी कभी भी अपनी बात कहने से नहीं चूकते।
राजेंद्र अवस्थी का पाँच-छह महीने पहले हृदय की बाइपास सर्जरी हुई थी। कुछ दिनों पहले तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके स्वास्थ्य में सुधार भी आया था पर 30 जनवरी 2009 की सुबह अचानक उनकी साँसें थम गईं। वे पिछले कई दिनों से एस्कोर्ट हास्पिटल में वेंटिलेटर पर थे।