टाटा ग्रुप को कई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में रतन टाटा (Ratan Tata) का बड़ा योगदान है। आज टाटा ग्रुप ने देश-विदेश में खूब नाम कमाया है। रतन टाटा ने भले ही टाटा ग्रुप को दुनिया में नाम दिलाया हो लेकिन आज भी वह जमीन से जुड़े हुए हैं। आज दुनिया में रतन टाटा एक सफल बिजनेसमैन के रूप में जाने जाते हैं, बहुत से लोग नहीं जानते कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक कर्मचारी के रूप में की थी।
नाम | रतन टाटा |
जन्म | 28 दिसंबर, 1937 |
जन्म स्थान | बंबई, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
पिता | नवल टाटा |
माता | सोनी टाटा |
शिक्षा | एमबीए (हॉवर्ड बिज़नेस स्कूल) |
पेशा | बिजनेस मैन, |
कंपनी | टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
मृत्यु | 10 अक्टूबर 2024, मुंबई, भारत |
शिक्षा
रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई में की और बाद में यूएसए के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से MBA की डिग्री प्राप्त की।
कैरियर की शुरुआत
उन्होंने टाटा समूह में 1961 में काम करना शुरू किया। वे विभिन्न कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
टाटा समूह का नेतृत्व
1991 में टाटा समूह के अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में, समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जैसे कि जगुआर और लैंड रोवर।
नवोन्मेष और विस्तार
रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा दिया।
रतन टाटा समाज सेवा और जन कल्याण के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में कई पहल की हैं।
रतन टाटा अविवाहित हैं और अपने व्यक्तिगत जीवन को निजी रखना पसंद करते हैं।
रतन टाटा के लिए काम का मतलब पूजा है। उनका कहना है कि काम तभी बेहतर होगा जब आप उसका सम्मान करेंगे। रतन टाटा हमेशा शांत और सौम्य रहते हैं। वह कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारियों से भी प्यार से मिलते हैं, उनकी जरूरतों को समझते हैं और उनकी हर संभव मदद करते हैं। दिग्गज अरबपति रतन टाटा का कहना है कि अगर आप किसी काम में सफल होना चाहते हैं तो आप उस काम को भले ही अकेले शुरू कर सकते हैं, लेकिन उसे ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए लोगों का साथ जरूरी है। केवल साथ मिलकर ही हम बहुत आगे तक जा सकते हैं।
रतन टाटा का निधन 10 अक्टूबर 2024 को मुंबई में हुआ।