रविशंकर शुक्ल का जन्म 2 अगस्त 1887 को रायपुर जिले के सम्होई गांव में हुआ था। उनके परिवार का समाज में महत्वपूर्ण स्थान था, और उनका शैक्षिक जीवन भी बहुत ही प्रेरणादायक था। वे अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गए।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
रविशंकर शुक्ल ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई और महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में आवाज उठाई और कड़ा संघर्ष किया। वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे और उनके विचारों से प्रेरित थे।
रविशंकर शुक्ल बायोग्राफी – Ravishankar Shukla Biography in Hindi
उत्तरा धिकारी | भगवंतराव मंडलोई |
जन्म | 2 अगस्त 1877 सागर, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 31 दिसम्बर 1956 (उम्र 79 वर्ष)दिल्ली, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, 1950 में मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ। इस समय रविशंकर शुक्ल को मध्यप्रदेश का पहला मुख्यमंत्री चुना गया। उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की, जिनसे राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ।
सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान
रविशंकर शुक्ल का जीवन समाज के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने अपनी नीतियों के जरिए सामाजिक सुधार, समानता और न्याय के लिए कई कदम उठाए। उनकी नेतृत्व क्षमता ने राज्य को एक नई दिशा दी और मध्यप्रदेश को समृद्ध बनाने में मदद की।
निधन और विरासत
रविशंकर शुक्ल का निधन 31 दिसंबर 1956 को हुआ। उनकी योगदानों को हमेशा याद किया जाएगा। वे न केवल मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे, बल्कि एक सशक्त नेता और समाज सुधारक भी थे। आज भी उनका योगदान हमारे दिलों में जीवित है और उनकी विचारधारा समाज की प्रगति में मार्गदर्शन करती है।