अपनी गायन शैली से सबको मंत्रमुग्ध करके सोनू निगम ने आने वाली पीढियों के लिए पेश की मिसाल। बनाई खुद के दम पर पहचान – By mesmerizing everyone with his singing style, Sonu Nigam set an example for the coming generations. created identity on my own.
सोनू निगम जीवनी – Sonu Nigam Biography
नाम | सोनू निगम |
जन्म | 30 जुलाई 1973 |
जन्म स्थान | फरीदाबाद, हरियाणा(भारत) |
पिता | अगम कुमार निगम |
माता | शोभा निगम |
व्यवसाय | गायन, कलाकार |
पुरस्कार | पद्म श्री (2022) |
बचपन से थी गायन में रूचि – Was interested in singing sinc
सोनू निगम महज चार साल की उम्र से गाते आ रहे हैं। अपने गायन की शुरुआत उन्होंने अपने पिता के साथ मोहम्मद रफी के गाने ‘क्या हुआ तेरा वादा’ से की थी। इसके बाद इन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। महज 11 वर्ष की उम्र में ही गायन को अपना पेशा बनाने के लिए अपने पिता जी के साथ मुंबई आ गए।
पार्श्व गायन में बनाई अलग पहचान – Made a distinct identity in playback singing
अपने गायन करियर की शुरुआत उन्होंने T सीरीज की एल्बम ‘रफी की यादें’ के मोहम्मद रफी के गाने गाकर किया। T सीरीज के मालिक गुलशन कुमार के सानिध्य में लोगों से जुड़ने का सिलसिला शुरू हुआ। पार्श्व गायन की श्रेणी में उनका पहला गाना ‘जनम’ (1990) के लिए गाया गया। लेकिन यह गाना कभी रिलीज नहीं हुआ। रिलीज होने वाले गानों में सोनू निगम ने अपना पहला गाना दूरदर्शन के धारावाहिक ‘तलाश’ (1992) के लिए गाया। इसके बाद फिल्म ‘आजा मेरी जान’ (1993) के गाने ‘ओ आसमान वाले जमी पर’ से पहचान बनी।
पुरस्कार – Award
- 2002 जी सिने पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक कभी खुशी कभी गम के गाने “सूरज हुआ मद्धम” के लिए।
- 2002 में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार कभी खुशी कभी गम के गाने “सूरज हुआ मद्धम” के लिए।
- 2003 में “कल हो ना हो” के लिए फिल्मफेयर अवार्ड ।
- 2003 में “साथिया” के लिए फिल्मफेयर अवार्ड।
- 2004 में “कल हो न हो” के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार।
- 2005 में संगीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वरालय कैराली येसुदास पुरस्कार ।
- 2013 में “अभी मुझ में कहीं” के लिए जी सिने अवार्ड।
- 2013 में “अभी मुझ में कहीं” के लिए आइफा अवार्ड।
- 2015 भारत रत्न अम्बेडकर पुरस्कार।
- 2017 हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा गौरव सम्मान