सुहास एल यतिराज एक भारतीय पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं तथा पुरुष एकल में दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। उन्होंने टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 खेलों में रजत पदक जीते और इस तरह वे खेलों में लगातार दो पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए।
सुहास एल यतिराज जीवनी – Suhas L Yathiraj Biography
नाम | सुहास लालिनाकेरे यतिराज |
जन्म | 2 जुलाई 1983 |
जन्म स्थान | हासन, कर्नाटक, भारत |
पिता | यतिराज एल.के. |
माता | जयश्री सी.एस. |
पेशा | भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), 2007 |
अल्मा मेटर | इंजीनियरिंग इन कंप्यूटर साइंस |
सेवा कैडर | उत्तर प्रदेश |
वर्तमान कार्यरत | सचिव एवं महानिदेशक, खेल एवं युवा कल्याण (उत्तरप्रदेश) |
पत्नी | रितु सुहास (ADM), गाजियाबाद |
पैरालिंपिक में भारत को दिलाया दो बार पदक – India got medals twice in Paralympics
सुहास एल यतिराज 2016 एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप, बीजिंग (चीन) में, वे पेशेवर अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय अधिकारी बने। इन्होंने 2018 में राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था।
मजिस्ट्रेट होने के साथ साथ खेल को भी रखा जारी – Along with being a magistrate, Suhas also continued playing sports.
सुहास एल यतिराज 2007 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं तथा वर्तमान में खेल एवं युवा कल्याण के सचिव और महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले सुहास प्रयागराज, जौनपुर, आजमगढ़, सोनभद्र, हाथरस आदि जिलों की कमान संभल चुके हैं। अपने कार्य और अपने खेल कौशल को एक दूसरे से बिलकुल अलग रखा। इसी का परिणाम है की उत्कृष्ट सिविल सेवक होने के साथ साथ सुहास लगातार दो पैरालिंपिक में भारत को पदक दिला चुके हैं।
दिव्यांगता को नहीं आने दिया आड़े – Disability was not allowed to come in the way
सुहास यतिराज को अपने बाएं टखने में जन्मजात विकृति की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अपनी शारीरिक सीमाओं के बावजूद, उन्होंने अपनी शैक्षणिक आकांक्षाओं को अटूट दृढ़ संकल्प के साथ पूरा किया। सुहास की पैरा-बैडमिंटन में यात्रा कई एथलीटों की तुलना में जीवन में बाद में शुरू हुई, फिर भी खेल में उनका उदय उल्कापिंड से कम नहीं रहा है। राष्ट्रीय परिदृश्य पर हावी होकर, उन्होंने कई राष्ट्रीय खिताब हासिल किए, और खुद को भारत के शीर्ष पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक के रूप में स्थापित किया। बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून के साथ अपने पेशेवर करियर को संतुलित करते हुए, सुहास ने एक IAS अधिकारी के रूप में अडिग समर्पण के साथ काम किया है।
अन्य महत्तवपूर्ण सम्मान – Other important honors
अर्जुन पुरस्कार 2021 (खेल रत्न के बाद दूसरा सर्वोच्च खेल पुरस्कार)
यश भारती, 2016 उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
सर्वश्रेष्ठ पैरा खिलाड़ी 2016 (उत्तर प्रदेश सरकार)
राष्ट्रीय खेल दिवस, 2017 के अवसर पर, उन्हें देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने के लिए माननीय मुख्यमंत्री, द्वारा विशेष पुरस्कार दिया गया और साथ ही 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रशंसा प्रमाण पत्र भी दिया गया।