पिछले कुछ समय से भारत विश्व पटल पर लगातर वृद्धि कर रहा है। अपने विकास व अन्य कार्यों के कारण सम्पूर्ण विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। हर क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम कहीं न कहीं भारत को पुराने गौरव की तरफ ले जा रहे है। दुनिया के कई बड़े विद्वान कहने भी लगे है कि भारत विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति के रूप में स्थापित होने की ओर अग्रसर है। परन्तु भारत के ये बढ़ते कदम कुछ देशों को पसंद नही आ रहे। उनमे से एक देश है अमेरिका। अमेरिका लगातर भारत के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए नए-नए प्रयास कर रहा है।
अभी अमेरिका के सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एन्ड प्रिवेंशन (सीडीसी) और गांबिया के स्वास्थ्य अधिकारियों ने गांबिया में हुईं बच्चों की मौत का जिम्मेदार भारत मे निर्मित कफ सिरप को माना है। उनके अनुसार भारत मे निर्मित कफ सिरप का सेवन करने से बच्चों की मौत हुई है। जबकि भारत सरकार ने कहा है कि हमारे कफ सिरप में किसी प्रकार की विषाक्तता नही है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में कहा है कि जाँच के बाद खाँसी की दवा के नमूने गुणवत्तापूर्ण पाए गए हैं। अमेरिका की ये सोची समझी साजिश है जिससे भारत की छवि विश्व पटल पर धूमिल हो। इसमें केवल विदेश के लोग शामिल नही है बल्कि भारत के भी कुछ लोग विदेश में जाकर भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। उनमें से एक है कांग्रेस नेता राहुल गांधी है। ये जब भी विदेश जाते हैं वहाँ जाकर कोई न कोई ऐसा बयान जरूर देते है, जिससे भारत की बदनामी हो। अभी इंग्लैंड की केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत के प्रधानमंत्री लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार पर जासूसी कराने का आरोप भी लगाया है। वैसे राहुल ने ये पहली बार नही किया है। वो जब भी विदेश जाते हैं कोई न कोई ऐसा बयान जरूर देते है जिससे विश्व स्तर पर भारत की पर असर पड़े। विदेश में दिए उनके वक्तव्यों से ऐसा लगता है कि कोई विदेशी ताकत है जो उनसे ये सब कहलवाती है।
अभी पीछे भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर भी अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस ने अनाप शनाप टिप्पड़ी करके गौतम अडानी को विश्व के पांचवे सबसे अमीर व्यक्ति के स्थान से इक्कीसवें स्थान पर पहुँचा दिया है। जॉर्ज सोरोस ने जो बात अडानी के लिए कही थी वो निराधार थी। बस उनके कहने का हेतु अडानी समूह को कमजोर करके भारत के बढ़ते कदमो को रोकना ही था। जॉर्ज सोरोस ने अडानी के नाम का सहारा लेकर भारत के प्रधानमंत्री पर भी अजीब टिप्पड़ी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और अडानी के सम्बंध मधुर है इसलिए इस विषय पर वो चुप है। उनको इस मुद्दे पर संसद व विदेशी निवेशकों को जवाब देना ही होगा। जबकि अडानी समूह व भारत सरकार दोनो ने जॉर्ज सोरोस के इस आरोप को नकारा था। परन्तु जिस योजना को लेकर सोरोस ने ये बयानबाजी की थी। उसमें तो उनको सफलता मिल ही गई। विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा सफलताओं को प्राप्त करते हुए अडानी भारत के नाम को आगे बढ़ा रहे थे। परन्तु सोरोस के बयान ने उनको काफी पीछे कर दिया है, जिससे देश की छवि पर भी असर पड़ा है।
प्राचीन समय से ही भारत को बदनाम करने के निरन्तर प्रयास चलते आ रहे है। परन्तु वर्तमान समय मे भारत की बढ़ती गति से लगता है कि इन प्रयासों के बावजूद भारत अब रुकने वाला नही है। अभी माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकत करते हुए कहा है कि स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की प्रगति सराहनीय है। उन्होंने ये भी कहा कि आज जब दुनिया के सामने बहुत सारी चुनोतियाँ है, भारत जैसे प्रगतिशील व रचनात्मक जगह पर यात्रा करके बहुत प्रेरणा मिली है। भारत सरकार को भारत की इस प्रगतिशील यात्रा में बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि हमेशा से संघर्षशील रहे भारत के लिए आज भी संघर्ष कम नही हुए हैं। बस उनके रूप व स्वरूप बदले हैं।
नोट - इस लेख को लिखने का सम्पूर्ण श्रेय महानगर प्रचारक ललित शंकर जी को जाता है।