इस निष्कर्ष पर पहुँचे है कि विवाह कर लेते है …
आप मेरे प्रिय साथी मित्र जन इस निर्णय के विषय मे कोई राय देना चाहे तो आपके विचार का स्वागत हैं।
15 वर्ष से भक्ति मार्ग – साधना पथ पर चल रहा हूँ।
अब तक सब कुछ ठीक है, उसके बाद भी जिन्हें हम ठीक से जानते तक नही वो वो लोग मेरा चरित्र प्रमाण पत्र बना रहे हैं। वर्तमान में चल रहे श्रीराम कथा के आयोजक श्री विशाल शर्मा जी जिनके गाँव मे इस वक्त कथा सुनाने आये है, उनके गांव हम पिछले वर्ष भी कथा सुनाने आये थे। पिछले 5 वर्ष से जिस बैजनाथ धाम में हम रह रहे है उसी बैजनाथ के रहने वाले किसी व्यक्ति ने विशाल जी को कॉल करके पिछली बार ही बोला कि जिस राम शंकर को कथा वाचन हेतु बुला रहे है उसका चरित्र ठीक नही हैं। उसके बाद भी विशाल जी ने हमें कथा सुनाने हेतु पिछली बार बुलाया, इस वर्ष दुबारा भी बुलाया हैं। हम घर- परिवार, अपने मन की कामनाओं का त्याग कर समाज कल्याण व आत्मकल्याण में जीवन जी रहें है। पढ़ाई-लिखाई करने के बाद बिना सेवा शुल्क के श्रीरामकथा, श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे है, उसके बाद भी यदि इस तरह से कोई चरित्र हनन करे तो ये सोच कर हम हैरान हैं। बैजनाथ में जहां हम रहते है, वह मेरा निजी स्थान नही है हम उस स्थान के मालिक नही है एक अभ्यागत – आगन्तुक (अतिथि) के समान रहते है जितना सम्भव होता उस स्थान के देख भाल में अपना योगदान देते हैं उसके बाद भी किसी को इतनी पीड़ा हो रही है कि चरित्र-हनन करने की कोशिश तक कर डाला। सचमुच, आप जो भी है बहुत ही दुस्साहसी मानव हैं।
अकेले जीवन जीने वाला चरित्रहीन है, ये सत्य नही है और विवाहित व्यक्ति चरित्रवान होगा, ये भी अटल सत्य नही है। हाँ, ये जरूर है कि लोगो के मन मे विवाहित व्यक्ति के विषय मे एक विश्वास बना रहता है कि अमुक व्यक्ति के जीवन में उसकी पत्नी जीवनसाथी है तो वह चरित्रहीन नही होगा, कुछ लोगो के जीवन मे यह बात सत्य भी साबित होता है। अतः हम भी इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि विवाह कर ही लेते है। किससे करनी है ये नही मालूम? पर जिस समय यह अनुभव होगा कि मेरे जीवन के लिये अमुक साथी अनुकूल है, उस समय उसके साथ मण्डप में सात फेरे लेकर अपने आध्यात्मिक पथ पर पूर्व कि भांति चलते रहेंगे। इस एक निर्णय ये यह तो होगा कि लोग हमारे व्यक्तित्त्व को शंकालु दृष्टि से देखना बन्द कर देंगे और सम्भव हैं इस एक निर्णय से हम सचमुच चरित्रवान बन जाये। कुछ तस्वीरे साझा कर रहा हूँ इस उम्मीद में कि इस संसार मे यदि कोई मेरे लिये आया होगा किसी के साथ मेरा पूर्व नियोजित योग होगा तो सम्भव है हमें पहचान ले।
लेखक – स्वामी राम शंकर (डिजिटल बाबा)
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