थाली में एक साथ क्यों नहीं रखनी चाहिए तीन रोटियाँ ?

हिन्दू धर्म में बहुत सी मान्यताएं प्रचलित हैं। इन मान्यताओं का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यह मान्यताएं पूजा-पाठ, व्रत, त्यौहार आदि से सम्बंधित है। इनमें सोने जागने उठने बैठने आदि से सम्बंधित नियमों का ज़िक्र मिलता है। इनके अलावा ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जिन्हे शुभ और अशुभ से जोड़कर देखा जाता है। खाने पीने के मामले में 3 अंक को शुभ नहीं माना जाता। खाने पीने के मामले में 3 की संख्या में ना तो कुछ लिया जाता है और ना ही कुछ दिया जाता है। इसी तरह खाना परोसते समय भी तीन रोटियाँ एक साथ नहीं परोसी जाती।

तीन रोटियाँ एक साथ ना परोसने की ये है वजह
मान्यताओं के अनुसार थाली में तीन रोटियाँ रखना मृतक व्यक्ति के लिए रोटियाँ रखने के समान माना जाता है। थाली में तीन रोटियाँ तब रखी जाती है जब घर में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। उसके त्रयोदशी संस्कार के पहले उसकी थाली लगाई जाती है। इस दौरान उसमें तीन रोटियाँ रखी जाती हैं और इसे सिर्फ परोसने वाला व्यक्ति ही देख सकता है। इसलिए जीवित व्यक्ति को थाली में तीन रोटियाँ परोसना शुभ नहीं माना जाता।

ऐसी ही एक अन्य मान्यता भी प्रचलित है। यदि किसी व्यक्ति की थाली में एक साथ तीन रोटियाँ परोसी जाती हैं तो उसके मन में दूसरों के प्रति शत्रुता का भाव जागृत होता है। यही वजह है कि किसी की भी थाली में एक साथ तीन रोटियाँ नहीं परोसी जाती। रोटी के अलावा खाने पीने की कोई भी चीज़ तीन की संख्या में नहीं परोसी जाती।

वैज्ञानिक कारण
ऊपर जिन कारणों के बारे में बात की गई है वो धार्मिक कारण है। लेकिन इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण अन्न की बर्बादी को रोकना हो सकता है। अगर आप एक साथ किसी व्यक्ति को ज़्यादा खाना परोसते हैं तो ऐसा संभव है कि वह व्यक्ति इतना खाना ना खा पाए। एक सामान्य व्यक्ति एक बार में थोड़े से चावल, दाल, सब्ज़ी और दो रोटी ही खा पाता है। इससे ज़्यादा भोजन करने से मोटापा बढ़ सकता है और सेहत सम्बंधित अन्य बीमारियाँ भी आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।

डिस्क्लेमर - यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह लेना ही उचित है। ultarnewstv इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता और ना ही इसकी ज़िम्मेदारी लेता है।

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