सुप्रीम कोर्ट के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा। कई संवैधानिक पीठ के मामलों की सुनवाई का सीधा
प्रसारण किया गया, जिसे देश-दुनिया में आठ लाख लोगों ने देखा।
सीधे प्रसारण की शुरुआत उद्धव ठाकरे बनाम शिंदे केस से हुई। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आरक्षण
और दिल्ली-केंद्र विवाद की भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में दाखिले और नौकरियों में आर्थिक रूप से
कमजोर वर्ग को 10 आरक्षण वाले संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित
रख लिया।
- शिवसेना विवाद सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा। अदालत ने पार्टी पर शिंदे
गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी रोक हटा दी है। अब आयोग तय करेगा कि
असली शिवसेना कौन है, यानी तीर कमान का सिंबल किसके पास रहेगा। - केंद्र-दिल्ली मामला सुप्रीम कोर्ट नौ नवंबर को दिल्ली-केंद्र सरकार के विवाद पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने
कहा कि सुनवाई रोजाना होगी। पांच पांच सदस्यीय संविधान पीठ सेवाओं के नियंत्रण पर विधायी और
कार्यकारी शक्तियों के दायरे पर दलीलें सुनेगी। कार्यवाही पूरी तरह से कागज रहित होगी। इसे हरित पीठ
कहा गया है। - आर्थिक आरक्षण मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दलीलें
सुनने के बाद इस सवाल पर फैसला सुरक्षित रखा कि ईडब्ल्यूएस कोटा ने संविधान के मूल ढांचे का
उल्लंघन किया है या नहीं। क्या यह 50 फीसदी की अधिकतम सीमा का उल्लंघन है। शीर्ष न्यायालय में
इस संबंध में छह दिन तक सुनवाई हुई। अटॉर्नी जनरल और सॉलिसीटर जनरल ने संशोधन का पुरजोर
विरोध किया।