भारत एक संस्कृति और विरासत सम्पन्न देश है। भारत देश एक विशाल भू भाग है जिसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। यहाँ का प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश विस्तृत भारतीय लोकतंत्र में अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखता है। भारत का राजस्थान राज्य भी एक ऐसा राज्य है जो अपनी लोक कला, लोक संस्कृति, समृद्ध इतिहास और विरासत के सन्दर्भ में काफी प्रसिद्ध है। इस बेहद समृद्ध राज्य का स्थापना दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है। आइए राजस्थान दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।
जानकारी के मुताबिक़ राजस्थान राज्य का अस्तित्व काफी पुराना है। राजस्थान कई राजपुताना से मिलकर बना है जिसमें 19 रियासतें, दो प्रमुख और अजमेर - मेरवाड़ा के ब्रिटिश जिले शामिल हैं। प्राचीन काल की बात की जाए तो राजस्थान के कुछ हिस्से सिंधु घाटी की सभ्यता के हिस्से थे जैसे कालीबंगन जो सिंधु घाटी सभ्यता की एक प्रमुख प्रांतीय राजधानी थी। असल में 15 अगस्त,1947 को राजस्थान की रियासतों का विलय भारत के डोमिनियन में कर दिया गया था। लेकिन एक साल बाद उनका एकीकरण समग्र रूप से हुआ था। 700 ईसवी में यहाँ बड़े पैमाने पर राजपूत वंश का शासन था। इससे पहले राजस्थान मौर्य साम्राज्य का एक हिस्सा था। 13वी शताब्दी की शुरुआत में मेवाड़ राजस्थान का एक शक्तिशाली हिस्सा हुआ करता था। राजस्थान को पहली बार एक जुट करने में मुग़ल बादशाह अखबर का विशेष योगदान रहा है।