व्हाट्सप्प का इस्तेमाल करने वाले ना करें ये 4 गलतियाँ, बैन हो सकता है आपका नंबर

व्हाट्सप्प का इस्तेमाल करने वाले न करें ये ४ गलतियाँ, बैन हो सकता है आपका नंबर
image source : livehindustan.com

जीवन को सही ढंग से जीना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में हमारे मोबाइल फ़ोन और लैपटॉप में मौजूद तमाम एप्स ने हमारे जीवन को सरल बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। इन्ही तमाम एप्स में से एक महत्वपूर्ण एप व्हाट्सप्प है। आज व्हाट्सएप कम्युनिकेशन का एक बड़ा साधन बन चुका है। व्हाट्सप्प के माध्यम से आप फ़ोन या वीडियो कॉल पर बात कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने दोस्तों या सगे – सम्बन्धियों से चैटिंग भी कर सकते हैं। लेकिन अब इस एप पर सक्रीय लोगों को सावधान होने की आवश्यकता है। नहीं तो आप अपना नंबर व्हाट्सप्प से हमेशा – हमेशा के लिए हाथ धो बैठेंगे। आइए जानते हैं कैसे –
संभलकर करें मैसेज फॉरवर्ड
व्हाट्सप्प पर किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड करते समय आपको विशेष रूप से सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यदि आप ऐसा नहीं करते तो आपका व्हाट्सप्प अकाउंट ब्लॉक भी हो सकता है। व्हाट्सएप ने इस साल अगस्त के महीने में भारत में 2,328,000 व्हाट्सएप अकाउंट को ब्लॉक किया है। बता दें कि जुलाई में 23.8 लाख अकाउंट को ब्लॉक किया गया था।
व्हाट्सएप ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
व्हाट्सएप ने एहम जानकारी साझा कि है जिसमें बताया गया है कि लोगों के पास व्हाट्सएप पर कई फर्ज़ी मैसेज आते हैं। अगर उसे बिना देखे और समझे फॉरवर्ड किया जाता है तो भेजने वाले का अकाउंट हमेशा के लिए बंद हो सकता है। व्हाट्सएप की सेवा शर्तों के मुताबिक़ झूठी जानकारी फैलाने, गैरकानूनी काम करने, बदनाम करने, भड़काऊ ब्यान देने, उत्पीड़न वाले व्यवहार करने पर आपके व्हाट्सएप नंबर को हमेशा के लिए ब्लॉक किया जा सकता है।
इस नए फीचर का होगा एहम योगदान
व्हाट्सएप एक नए फीचर को जाँचने का काम कर रहा है। इस फीचर की खासियत होगी कि अधिकतर फॉरवर्ड किए गए मैसेजिज की जाँच करने के बाद उसकी सत्यता की जानकारी दी जाएगी।

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मधय प्रदेश एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने पर सतना जिले के मेडिकल अफसर ने मरीज़ का पर्चा हिंदी में लिखा। यह प्रिस्क्रिप्शन कोटर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल अफसर डॉ सर्वेश सिंह द्वारा लिखा गया था। देश की वर्तमान सरकार ने हिंदी भाषा के प्रचार - प्रसार पर काफी ज़ोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह वादा किया था कि बहुत से पाठ्यक्रमों की शुरुआत हिंदी भाषा में की जाएगी। इन पाठ्यक्रमों में चिकित्सा के पाठ्यक्रम का नाम भी शामिल था। इस दिशा में मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने मेडिकल की पढ़ाई की शरुआत हिंदी भाषा में की है। ऐसे में हिंदी भाषा में पर्ची लिखने के लिहाज़ से मध्य प्रदेश के डॉक्टर कैसे पीछे रह सकते हैं। डॉ सर्वेश सिंह मध्य प्रदेश स्थित सतना जिले में कोटर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ मेडिकल अफसर हैं। हाल फिलहाल के दिनों में उनके द्वारा हिंदी में लिखा गया पर्चा सुर्खियाँ बटोर रहा है। डॉ सर्वेश के मुताबिक़ रश्मि सिंह वो पहली पेशेंट थी जो सोमवार के दिन अस्पताल में पी एच सी का इलाज कराने आई थी। उन्ही कि पर्ची पर हिंदी भाषा में दवाइयों के नाम लिखे गए थे, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से वायरल हो रही है। यहाँ तक की मरीज़ की पूरी केस हिस्ट्री भी हिंदी भाषा में लिखी गई है। इस पर्ची पर आर एक्स लिखने से पहले 'श्री हरि' भी डॉक्टर के द्वारा लिखा गया। इसके बाद ही उन्होंने सारे दवाओं के नाम हिंदी भाषा में लिखे थे। कहाँ से मिली प्रेरणा ? कहते हैं जो हम देखते हैं, सुनते है और पढ़ते हैं वहीं से अपने जीवन में प्रेरणा ग्रहण करते हैं। डॉक्टर सर्वेश के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। डॉ सर्वेश ने बताया कि रविवार के दिन वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह का भाषण सुन रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि कोशिश करें कि सरकारी अस्पतालों में पर्ची पर दवाओं के नाम हिंदी में लिखें। उन्होंने इसकी शुरुआत उसी दिन से कर दी। बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दो दिन पहले अपने भाषण में मज़ाकिया लहज़े में कहा था कि अगर पर्चियों पर दवाइयों के नाम यदि हिंदी में लिखें जाएं तो इसमें हर्ज़ ही क्या है। डॉ सर्वेश सिंह ने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से वर्ष २०१७ में एमबीबीएस की पढ़ाई की है। नवम्बर २०१९ में सर्वेश्वर की पदस्थापना कोटर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई।

डॉक्टर हुआ हिन्दीमय, हिंदी भाषा में लिखे दवाओं के नाम

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