23 जनवरी, 2024 से ही श्री रामलला के दिव्य दर्शन के लिए भक्तों का ताँता लग गया। भक्तों का उमंग और उत्साह देखने लायक था। पहले दिन ही 5 लाख लोगों ने दर्शन किये। यदि आप भी अपने नयनों को रामलला के दर्शनों का सुख देने के लिए अयोध्या जी के दर्शन चाहते हैं तो चलिए आपको हम इस मार्गदर्शिका के माध्यम से आपसे साझा करते हैं समबन्धित जानकारियां।
अयोध्या धाम, हिन्दुओं के सप्तपुरियों में से एक है। हिन्दू धर्म में ये पुरियाँ मोक्षदायनी (मोक्ष यानी कि मुक्ति, जो व्यक्ति को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति देती है) मानी गई हैं। श्री अयोध्या नगरी मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है। पौराणिक कथाओं में वर्णित कौशल राज्य की राजधानी अयोध्या अपनी विशेष विरासत के लिए प्रसिद्ध है।
प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में को ‘साकेत’ नाम से भी जाना जाता है। यह नगर जो उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के किनारे बसा है। लगभग 550 वर्ष पूर्व भगवान राम की जन्मस्थली में स्थापित मंदिर को विदेशी आक्रांताओं द्वारा तोड़ दिया था। हिन्दू समाज ने इसे लेने के लिए लगातार प्रयास किये और अंन्तोगत्वा विधि-सम्मत इसका समाधान निकला। 22 जनवरी, 2024 को इस जगह नव-निर्मित मंदिर में भगवान श्रीराम के ‘बालस्वरुप रामलला’ की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न किया गया, जिसमे प्रतीकात्मक जजमान की भूमिका भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निभाई।
हवाई मार्ग से
अयोध्या हवाई अड्डा, जिसे आधिकारिक तौर पर महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्या धाम नाम दिया गया है, एक आधुनिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इसके अतिरिक्त आप लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी हवाई अड्डों से भी पहुंच सकते हैं।
नाम | महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्या धाम |
हवाई अड्डे का प्रकार | जनता |
मालिक | भारत सरकार |
ऑपरेटर | भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण |
जगह | फैजाबाद, उत्तर प्रदेश |
पर खोला गया | 30 दिसंबर, 2023 |
अनुमानित लागत | 328 करोड़ |
चरण | 3 |
यात्री प्रबंधन क्षमता | सालाना 6 लाख यात्री |
फैजाबाद और अयोध्या, जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं और लगभग सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। दिल्ली से अयोध्या 615 कि.मी. है। लखनऊ से 171 कि.मी. गोरखपुर से 157 कि.मी. इलाहाबाद से और वाराणसी से 196 कि.मी. दूर है।
शहर | ट्रेन का नाम | प्रस्थान | अयोध्या आगमन | हफ्ते में कब |
दिल्ली | वंदे भारत एक्स. | 6:10 सुबह | 2:30 दोपहर | सोम, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि, रवि |
दिल्ली | अयोध्या एक्स. | 6:20 शाम | 7:15 सुबह | रोजाना |
दिल्ली | कैफियत एक्स. | 8:25 शाम | 6:56 सुबह | रोजाना |
अमृतसर | सरयू यमुना एक्स. | 1:05 दोपहर | 8:51 सुबह | सोम, बुध, शनि |
अदमदाबाद | साबरमती एक्स. | 11:10 रात | 4:22 सुबह | सोम, मंगल, गुरु, शनि |
जयपुर | मरुधर एक्स. | 1:40 दोपहर | 4:43 सुबह | सोम, गुरु, शनि |
भोपाल | YPR GKP एक्स. | 3:35 रात | 4:24 दोपहर | शनि |
इंदौर | INDB PNBE एक्स | 1:55 दोपहर | 7.45 सुबह | शनि |
मुंबई | साकेत एक्स. | 6.00 सुबह | 8.00 सुबह | बुध, शनि |
कोलकाता | KOAA JAT एक्स | 11.45 दोपहर | 6.21 सुबह | रोजाना |
बेंगलुरु | YPR GKP एक्स | 11.40 रात | 4.24 दोपहर | बुध |
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें चौबीसों घंटे चलती हैं, इसलिए कहीं से भी इस स्थान तक पहुंचना काफी संभव है। यह शहर लखनऊ से लगभग 130 किलोमीटर, वाराणसी से 200 किलोमीटर, प्रयागराज से 160 किलोमीटर, गोरखपुर से 140 किलोमीटर और दिल्ली से 636 किलोमीटर दूर है। दिल्ली, गोरखपुर और लखनऊ से नियमित बसें हैं। निर्धारित आधार पर, बसें प्रयागराज, वाराणसी और अन्य स्थानों से भी उपलब्ध हैं।
होटल का नाम | पता / Address | संपर्क |
रॉयल हेरिटेज होटल | NH.27 Near Saryu Bridge | 8188829091 |
बेदी का ड्रीम लैंड होटल | NH.27 Near Saryu Bridge | 8400334035 8400334034 |
अवध सनशाइन पैलेस | NH.27 Near Saryu Bridge | 9151547575 9151557547 |
सूर्य महल | Bhanumati Road, near Ayodhya bypass | 9838771777 |
होटल रामायण | Near Booth no -4 Shanwajpur Manjha Darshan Nagar | 6386902021 |
होटल पंचशील | NH.28 Devkali bypass Crossing | 77068294639984074000 |
शान-ए-अवध | Civil Lines, Ayodhya | 9455096925 |
मंदिर खुलने का समय
-> सुबह - 6.30 से दोपहर 12.00 बजे तक
-> दोपहर- 2.30 से रात 10.00 बजे तक
(समय में परिवर्तन संभव)
रामलला की आरती का समय
-> मंगला आरती - सुबह 4.30 बजे
-> शृंगार आरती- सुबह 6.30 से 7.00 बजे
-> भोग आरती - 11.30 बजे
-> मध्यान्ह आरती - दोपहर 2.30 बजे
-> संध्या आरती - शाम 6.30 बजे
-> शयन आरती - रात 8.30 से 9.00 बजे
हनुमानगढ़ी
राम मंदिर जाने से पहले हनुमान मंदिर के दर्शन करने की परंपरा रही है। विग्रह में हनुमान जी मां अंजनी की गोद में हैं।
समय - सुबह 4.00 बजे से रात 10.00 बजे तक
छोटी देवकाली
माता सीता की कुल देवी का मंदिर है। मान्यता के अनुसार माता सीता ने यहां माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित की थी।
समय - सुबह से रात तक
सीता रसोई
मंदिर के पास ही स्थित सीता जी की रसोई एक प्राचीन रसोई है। इसका उपयोग सीताजी किया करती थीं। खुलने का समय - सुबह से रात तक।
सरयू तट
सरयू तट पर अनेकों पवित्र घाटों पर आप स्नान करके पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं। सरयू जी की संध्या आरती अवश्य देखें।
भरत कुंड
जन्मभूमि से दूरी - 16 किलोमीटर
भरत जी ने प्रभु श्री राम की पादुका रखकर यहीं से 14 साल शासन किया।
गुप्तारघाट
जन्मभूमि से दूरी - 10 किलोमीटर
यहीं श्रीराम ने जल समाधि ली थी, जहाँ से वे साकेतधाम चले गए थे।
मखभूमि
जन्मभूमि से दूरी - 20 किलोमीटर
यहीं श्रीराम के जन्म के लिए राजा दशरथ ने यज्ञ किया था।
सूर्यकुंड
जन्मभूमि से दूरी - 3 किलोमीटर
सूर्य देव सूर्यवंश के आदिपुरुष और भगवान् श्री राम के पूर्वज हैं। सूर्यवंशी राजा घोष के द्वारा यहाँ प्रतिमा स्थापित की गयी और सूर्य देव से प्राप्त आशीर्वाद के अनुसार यह तीर्थ 'घोषार्क कुण्ड' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
-> श्रीचन्द्रहरि मंदिर
-> श्री नागेश्वरनाथ मंदिर
-> रत्नसिंहासन
-> श्री हनुमानगढ़ी मंदिर
-> सीताकूप तीर्थ
-> कनकभवन
-> मत्तगजेन्द्र
-> सप्तसागर तीर्थ
-> देवकाली
-> सूर्यकुण्ड
-> सहस्त्राधारा मंदिर
-> श्रीलक्ष्मण मंदिर
-> श्रीगुप्तहरी
-> श्री निर्मलीकुण्ड
-> श्रीमनोरमा तीर्थ
-> बिल्वहरि
-> नंदीग्राम एवं भरतकुण्ड
-> श्रीवशिष्ठ कुण्ड
-> श्री पुण्यहरि
-> मणिपर्वत
-> श्री विद्याकुण्ड
जैन संप्रदाय में
जैन संप्रदाय में अयोध्या जी का विशेष महत्त्व है। जैन पंथ के पाँच तीर्थंकर अयोध्या जी में ही जन्मे थे। ये तीर्थंकर थे -
-> ऋषभदेव जी
-> अजितनाथ जी
-> अभिनंदन जी
-> सुमतिनाथ जी
-> अनंतनाथ जी
सिख संप्रदाय में
अयोध्या जी में सिक्ख संप्रदाय के दो प्रसिद्ध गुरुद्वारे भी हैं।
-> ब्रह्मकुंड गुरुद्वारा
-> गुरुद्वारा नजरबाग