आपने ऐसे कई एयरपोर्ट के बारे में सुना होगा जो बहुत ही बड़े और आलीशान होते हैं लेकिन आज हम आपको दुनिया के सबसे छोटे एयरपोर्ट के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह एयरपोर्ट 18 सितंबर, 1963 को बनकर तैयार हुआ था। कुछ सालों तक हफ्ते में एक फ्लाइट होती थी, लेकिन अब यहां से एक दिन में चार चार्टर फ्लाइट आती-जाती हैं।
ऐसा पर्यटन बढ़ने के कारण हुआ है। यहां लैंडिंग और टेकऑफ करने वाले पायलट के पास बेहतरीन अनुभव होना जरूरी है। जरा सी लापरवाही से विमान चट्टान से टकरा सकता है या समुद्र में गिर सकता है। यही वजह है कि जेट विमान यहां नहीं आ पाते हैं क्योंकि उनके लिए रनवे बहुत छोटा होता है।
इस एयरपोर्ट के अलावा मोशोशू इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बहुत छोटा एयरपोर्ट है। अपने छोटे आकार के बावजूद, हवाईअड्डा न केवल घरेलू उड़ानें बल्कि दक्षिण अफ्रीका में जोहान्सबर्ग के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी संचालित करता है। साथ ही बर्रा का त्राग म्होर बीच दुनिया का एकमात्र बीच रनवे है जो बहुत छोटा है।