भारत का सबसे छोटा नदी द्वीप पूर्वोत्तर भारत में है। यह द्वीप ब्रह्मपुत्र नदी पर है। यह भारत के असम राज्य में स्थित है। इस द्वीप का नाम माता पार्वती के एक नाम ‘उमा’ से प्रेरित है। इस द्वीप का नाम है - ‘उमानंद द्वीप’।
एक ब्रिटिश अधिकारी ने इसकी संरचना के कारण इस द्वीप का नाम पीकॉक आइलैंड रखा, जिसके बारे में उनका मानना था कि यह मोर के फैले हुए पंखों जैसा दिखता है।
उमानंद द्वीप पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम के गुवाहाटी शहर से होकर बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में स्थित सबसे छोटा नदी द्वीप है। ‘उमानंद’ नाम दो शब्दों से मिलकर बना है - उमा और आनंद। उमा भगवान शिव की पत्नी माँ पार्वती के कई नामों में से एक है। इस शब्द का अर्थ है - अनन्त ज्ञान व असीमित अंतरिक्ष।
इसे भस्माचल के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘भस्म करना’ या 'नष्ट करना'; और चल, जिसका अर्थ है 'स्थान'। इस नाम को जन्म देने वाली पौराणिक कथा यह है कि हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रेम के देवता कामदेव, टापू पर गहरे ध्यान के दौरान शिव को बाधित करने के बाद जलकर राख हो गए थे।
इस टापू पर मंदिर भी स्थित है। ये मंदिर उमानंद देवी मंदिर है। मौलिक रूप से यह टापू भगवान शिव को समर्पित है।
इस मंदिर की प्राचीनता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुप्त काल के बाद के पत्थर के मंदिर के साक्ष्य इस स्थल पर देखे जा सकते हैं। इस स्थल पर प्रारंभिक मध्ययुगीन काल से संबंधित पत्थर की मूर्तियां और नक्काशी हैं।
मूल मंदिर 1897 के विनाशकारी भूकंप से अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो गया था। बाद में, इसका पुनर्निर्माण एक स्थानीय व्यापारी द्वारा किया गया था।
गुवाहाटी हाईकोर्ट के पास स्थित उमानंद घाट से उपलब्ध 10 मिनट के फेरी के माध्यम से टापू तक पहुंचा जा सकता है।