यूपी के इन तीन जिलों के लिए आईएमडी ने जारी किया ठण्ड का अलर्ट – Cold Wave Returns

यूपी में मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है जिसकी वजह से यूपी के कुछ इलाकों में गुलाबी ठण्ड का प्रभाव देखा जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक़ इस ठण्ड की मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभ है। रविवार को यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में ठंडी हवाएं चलने की वजह से ठण्ड में इज़ाफ़ा हुआ है। इसकी वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए पूर्वानुमान के मुताबिक़ पूरे उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं का असर देखने को मिल सकता है।

हवा की रफ़्तार - 9 किलोमीटर प्रति घंटा
रविवार के दिन यूपी के कई जिलों में हवाओं का कहर जारी रहा। लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में 9 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। हवा की रफ़्तार तेज़ होने की वजह से लोगों को रात के समय ठण्ड का एहसास हुआ। वहीं मौसम विभाग का कहना है की अगले तीन दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। दिन में हल्की धूप निकलने के बावजूद भी आम जन मानस को ठण्ड का एहसास होगा।

क्या वापस आ गई है ठण्ड ?
फरवरी के शुरुआती दिनों में कोहरे के साथ ठण्ड का एहसास भी हो रहा है। लेकिन इसके कुछ दिनों बाद ही दिन के समय हल्की गुनगुनी धूप ने लोगों को काफी राहत पहुंचाई। इसके बाद सर्दियों के दिनों का एहसास होना काफी कम हो गया था। लेकिन शनिवार रात से तेज़ हवाओं का दौर जारी है। ऐसे में शरीर में बढ़ती कपकपी को देखकर ऐसा महसूस किया जा सकता है कि ठण्ड ने वापसी कर ली है।

अगले तीन दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम का मिजाज़
रविवार के दिन लखनऊ में तेज़ हवाओं का असर दिखा। न्यूनतम तापमान 13 डिग्री के आस पास दर्ज किया गया। वहीं रविवार की सुबह 5 बजे तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तेज़ हवाएं चलने की वजह से दिन का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आस पास दर्ज किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि बुधवार के दिन भी इसी तरह तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।

प्रदूषण पर तेज़ हुवाएं है कारगर
नोएडा और गाज़ियाबाद में 5 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने की वजह से तापमान के साथ ही प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है जिसके बाद न्यूनतम तापमान घटकर 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आस पास दर्ज किया गया है। हवाओं की रफ़्तार में इज़ाफ़ा होने की वजह से प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है।

किसानों ने ली राहत की सांस
पिछले दिनों तेज़ धूप खिलने की वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई थी। धूप और गर्मी बढ़ जाने की वजह से रबी फसल की बुआई करने वाले किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई थी। लेकिन मौसम का रुख बदलने के बाद ही उन्होंने राहत की सांस ली है। ह्यूमिडिटी बढ़ने की वजह से खेतों में लम्बे समय तक नमी बरकरार रहेगी। इसकी वजह से फसल तेज़ धूप में भी झुलस नहीं पाएगी।