सार
रूस के विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव ने कहा है कि अमेरिका भारत को नाटो (NATO) में शामिल करना चाहता है ताकि रूस और चीन को घेरा जा सके। मंत्री ने रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए मिसाइल और ड्रोन अटैक को का भी बचाव किया।
अमेरिका का हीरो बनने का प्रयास रूस को नहीं आ रहा रास
यूक्रेन (Ukraine) और रूस (Russia) के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन इस दौरान भी रूस खामोश नहीं है। रूसी विदेश मंत्री (Russian Minister for External Affairs) सेरगेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने भारत अपने बयान में भारत का ज़िक्र करते हुए एक बड़ा ब्यान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका भारत को नाटो (NATO) में शामिल करना चाहता है ताकि रूस और चीन को घेरा जा सके। सेरगेई पुतिन (Putin) के सबसे करीबी मंत्री माने जाते है। अमरीका पर इलज़ाम लगते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि अमेरिका जानबूझकर साउथ चीन सी विवाद को हवा देने की कोशिश कर रहा है। वह ऐसा स्थानीय ताकतों को घेरने के लिए कर रहा है।
अपने इस ब्यान के दौरान उन्होंने रूस द्वारा यूक्रने पर मिसाइल (Missile) और ड्रोन अटैक (Drone Attack) किए जाने की बात का भी बचाव करने की कोशिश की है। आगे सफाई देते हुए उन्होंने कहा है कि हम ये हमले इसलिए कर रहें हैं ताकि पश्चिम की और से यूक्रने की सहायता के लिए भेजे जा रहे हथियारों को रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने इस बात का भी दआ किया है कि अमेरिका चीन के आस पास के इलाकों में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है ताकि रूस को घेरा जा सके। उन्होंने इस बात का विस्तार करते हुए कहा है कि अमेरिका द्वारा यही कोशिश साउथ चाइना सी में भी की जा रही है जिससे यूरोप को भड़काया जा सके। उन्होंने अमेरिका के इस रवैया को चुनौती दी है और कहा है कि वह आग से खेलने का काम कर रहा है। ताइवान (Taiwaan) और ताइवान स्ट्रेट में भी उन्हें यह रवैया उकसाने वाला लगा।
उन्होंने इसे ही अपने द्वारा चीन के साथ युद्धाभ्यास करने की वजह बताई है। रूसी विदेश मंत्री ने इस बाटत का बात का भी दावा किया है कि विस्फोटक हालात पैदा कर दिए जाएं। रूसी विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलिआ (Australia), अमेरिका (America) और ब्रिटेन (Britain) को मिलाकर बने संगठन AUKUS का ज़िक्र करते हुए उसे भी अमेरिका कि गलत मंशा से जोड़ने का प्रयास किया है। उनका मानां है कि नाटो रूस और चीन विरोधी गठबंधन में भारत की भी सहभागिता चाहता है। लावरोव ने अपने ब्यान में यह भी कहा है कि यूक्रने में दखल देने के ज़रिए अमेरिका ने यूरोप के सामने अस्तित्व का संकट भी उत्पन्न हुआ है।