दुनिया के विकसित देशों में तकनीक बड़ी तेजी से बदल रही है. तकनीक केवल साधन बनाने तक सीमित नहीं
है. यह एक प्रक्रिया है जो पहले से अधिक ताकतवर तकनीक को जन्म देते हैं. इसलिए तकनीक के विकास की
गति एक दशक में ही दोगुनी हो जाती है पर तेजी से होते तकनीकी विकास के साथ इसके बेकाबू हो जाने का
भी डर उतना ही तेजी से फैल जाता है. गूगल और अल्फाबेट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई में
कुछ हफ्ते पहले कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. इसके लिए
उन्होंने एआई को लेकर नियम बनाए जाने की मांग पर जोर भी दिया था पिचाई कहते हैं. हम नई तकनीक पर
काम करते रह सकते हैं पर बाजार तंत्र को उसके किसी भी इस तरह के इस्तेमाल की खुली छूट नहीं होनी
चाहिए. यह पहली बार नहीं जब पिचाई ने एन आई के खतरों को लेकर दुनिया को आगाह किया ना कि वह
पहले ऐसे जानकार हैं जिन्होंने ऐसा किया है.
साल 2018 में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए भी उन्होंने कहा था दुनिया पराई का जितना असर होगा
उतना शायद ही किसी अन्य आविष्कार का होगा उन्होंने कहा था. इंसान आज जिन चीजों पर काम कर रहा है.
उनमें सबसे महत्वपूर्ण लाई है शायद आप और बिजली जितना महत्वपूर्ण लेकिन यह इंसानों को मार भी सकती
है. साल 2017 में फैसला और बेसिक के मालिक एलन मस्क ने कहा था. अगर आप एआई से चिंतित नहीं है
तो आपको होना चाहिए सोशल मीडिया पर एलन मस्क में जो तस्वीर पोस्ट की थी. उसमें लिखा था जीत
आखिर में मशीनों की होगी मस्त ने नेताओं से अपील की थी कि इससे पहले बहुत देर हो जाए. एआई को
काबू में लाने के लिए नियम बनाए जाएं जाने-माने भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने 2017 में भी कहा था
कि मैं मानता हूं कि एआई को मानवता की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है मगर इंसान को ऐसे काबू
करने का कोई ना कोई रास्ता ढूंढना पड़ेगा.