नंददुलारे वाजपेयी – Nanddulare Vajpayee

नंददुलारे वाजपेयी - Nanddulare Vajpayee

हिंदी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार,संपादक, और आलोचक आचार्य नंददुलारे वाजपेयी महत्त्वपूर्ण स्तंभों में से एक थे। छायावादी कविता को प्रतिष्ठित करने में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। साहित्य में इनके योगदान के लिए इनको छायावादी कविता के शीर्षस्थ आलोचक के रूप में मान्यता प्राप्त है। वे शुक्लोत्तर युग के प्रख्यात समालोचक थे।   

नंददुलारे वाजपेयी जीवनी – Nanddulare Vajpayee Biography 

नाम आचार्य नंददुलारे वाजपेयी 
जन्म 4 सितम्बर 1906
जन्म स्थान ग्राम मगरायर, जिला उन्नाव, उत्तर प्रदेश 
पिता श्री गोवर्धनलाल वाजपेयी
माता श्रीमति जनकदुलारी
पेशा साहित्यकार, आलोचक, समीक्षक 
शिक्षा एम ए हिंदी, पीएचडी  
महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हिंदी साहित्य: बींसवीं शताब्दी, महाकवि सूरदास, इत्यादि
मृत्यु 11 अगस्त 1967 वाराणसी उत्तर प्रदेश  

बचपन से थी साहित्य में रूचि – Was interested in literature since childhood 

नंददुलारे वाजपेयी की बचपन से ही अध्ययन में रूचि थी। इनके पिता ने इन्हें सात वर्ष की अल्पायु में पाणिनी की अष्टाध्यायी पूरी कंठस्थ करा दी थी। हजारीबाग के मिशन हाई स्कूल से पन्द्रहवें वर्ष में  मैट्रिकुलेशन की परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण की थी। सन 1922 में हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज में प्रवेश लिया। 1925 में वहीं से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करके आगे की पढ़ाई के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय चले गये। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से 1927 में बी॰ए॰ की परीक्षा पास करके संपूर्ण विश्वविद्यालय में चौथे स्थान पर रहे। वहीं से एम॰ए॰ की परीक्षा, 1929 में द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की।

लिखी हैं कई महत्त्वपूर्ण रचनाएँ – Wrote many important works

आलोचक का क्या गुण धर्म होता है? आचार्य नंददुलारे वाजपेयी इस बात को अच्छे से समझते थे। उनकी यही समझ उनके साहित्य में भी देखने को मिलती है। हिंदी साहित्य बीसवीं शताब्दी हो या अन्य और कोई आलोचनात्मक पुस्तक, सभी में उनकी गहरी समझ परिलक्षित होती है। उनकी महत्त्वपूर्ण रचनाएँ निम्नलिखित हैं –

  • जयशंकर प्रसाद – 1939 
  • हिन्दी साहित्य : बीसवीं शताब्दी – 1942 
  • आधुनिक साहित्य – 1950 
  • महाकवि सूरदास – 1953
  • प्रेमचंद : साहित्यिक विवेचन – 1954 
  • नया साहित्य : नये प्रश्न – 1955 
  • राष्ट्रभाषा की कुछ समस्याएँ – 1961 
  • कवि निराला – 1965 
  • राष्ट्रीय साहित्य तथा अन्य निबंध- 1965 
  • प्रकीर्णिका – 1965 
  • हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास
  • आधुनिक काव्य : रचना और विचार
  • नई कविता – 1976 
  • कवि सुमित्रानन्दन पंत – 1976 
  • रस सिद्धांत : नये संदर्भ – 1977 
  • आधुनिक साहित्य : सृजन और समीक्षा – 1978 
  • हिन्दी साहित्य का आधुनिक युग – 1979 
  • रीति और शैली – 1979 

छायावाद को प्रतिष्ठित करने में निभाई थी महत्त्वपूर्ण भूमिका – Played an important role in establishing ‘Chhayavad’

नंददुलारे वाजपेयी का सबसे बड़ा योगदान छायावाद को प्रतिष्ठित करने में था। नंददुलारे वाजपेयी शुक्लोत्तर समीक्षा के प्रमुख आलोचक माने जाते हैं। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल अपने युग की मुख्य काव्य-धारा ‘छायावाद’ को अपेक्षित सहानुभूति नहीं दे सके थे। उस समय के अनेक लेखक भी छायावाद के खिलाफ थे। ऐसे समय में वाजपेयी जी ने आगे बढ़कर छायावाद को प्रतिष्ठित करने में अग्रणी भूमिका निभायी। प्रसाद-निराला-पंत को उन्होंने हिन्दी कवियों की वृहत्त्रयी के रूप में स्थापित किया।

हिंदी साहित्य जगत में इनका महत्त्व – Their importance in the world of Hindi literature

उनका सर्वाधिक महत्त्व आधुनिक साहित्य के मूल्यांकन के लिए दृष्टि के नवोन्मेष के कारण है। इस दृष्टि से उनकी सुप्रसिद्ध पुस्तक ‘हिन्दी साहित्य : बीसवीं शताब्दी’ को युगान्तरकारी पुस्तक के रूप में स्मरण किया जाता है। बाद के समय में विवेच्य सामग्री की दृष्टि से ‘आधुनिक साहित्य’ नामक पुस्तक भरी-पूरी थी, परंतु पूर्वोक्त दृष्टि के अनुरूप ‘नया साहित्य : नये प्रश्न’ को उसकी भूमिका ‘निकष’ के साथ सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण समीक्षा-पुस्तक के रूप में स्वीकार किया गया है। 

कुलपति सहित संभाले है कई पद – Has held many posts including Vice Chancellor 

साल 1930-1932 में ‘भारत’, के संपादक रहे। इसके बाद लगभग चार वर्षों तक उन्होंने काशी नागरीप्रचारिणी सभा में ‘सूरसागर’ का तथा बाद में गीता प्रेस, गोरखपुर में रामचरितमानस का संपादन किया। वाजपेयी जी जुलाई 1941 से फरवरी 1947 तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक रहे तथा मार्च 1947 से सितंबर 1965 तक सागर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रहे। 1 अक्टूबर 1965 में वे विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के उपकुलपति नियुक्त हुए। 21 अगस्त 1967 को उज्जैन में हिन्दी के इस वरिष्ठ आलोचक का हृदयाघात के कारण अचानक निधन हो गया। 

व्यक्तित्व से सम्बंधित यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना न भूलें और अपने किसी भी तरह के विचारों को साझा करने के लिए कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC मदन लाल ढींगरा - Madan Lal Dhingra

मदन लाल ढींगरा – Madan Lal Dhingra

AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC जन्मदिन विशेष: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी - Primeminister Narendra Modi

जन्मदिन विशेष: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी – Primeminister Narendra Modi

AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC अक्किनेनी नागेश्वर राव - Akkineni Nageswara Rao

अक्किनेनी नागेश्वर राव – Akkineni Nageswara Rao

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
वी. वी. गिरी - V.V. Giri

वी. वी. गिरी – V.V. Giri

Next Post
डॉ॰ विक्रम साराभाई - Dr. Vikram Sarabhai

डॉ॰ विक्रम साराभाई – Dr. Vikram Sarabhai

Related Posts
Total
0
Share