देवी चित्रलेखा – Devi Chitralekha

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देवी चित्रलेखा भारतीय देवी-देवताओं के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इन्हें विशेष रूप से हिन्दू धार्मिक कथाओं और पुराणों में पूजा जाता है। देवी चित्रलेखा का उल्लेख मुख्य रूप से महाभारत, रामायण और अन्य संस्कृत ग्रंथों में मिलता है।

देवी चित्रलेखा की उत्पत्ति

देवी चित्रलेखा का संबंध विशेष रूप से शांति, सौंदर्य और सृजनात्मकता से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि वे ब्रह्मा के द्वारा रचित एक अद्वितीय रूप की देवी हैं, जिन्हें चित्रकला और कला की देवी के रूप में पूजा जाता है। चित्रलेखा का रूप बहुत ही आकर्षक, सुंदर और दिव्य माना जाता है।

Devi Chitralekha देवी चित्रलेखा - Devi Chitralekha

देवी चित्रलेखा बायोग्राफी – Devi Chitralekha biography in hindi

असली नामचित्रलेखा शर्मा
अन्य नामदेवी जी
गुरुश्री श्री गिरधारी बाबा
आराध्यश्रीकृष्ण
जन्म19 जनवरी 1997
जन्म स्थानग्राम खंबी, जिला पलवल, हरियाणा
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पितातुकाराम शर्मा
माताचमेली देवी
पतिमाधव प्रभुजी
भाषाहिंदी, अंग्रेजी
पेशाआध्यात्मिक वक्ता, भक्ति गायक

देवी चित्रलेखा का महत्व

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देवी चित्रलेखा को कला और सौंदर्य की देवी माना जाता है। वे उन लोगों की पूजा की जाती हैं जो कला, संगीत, चित्रकला, और अन्य रचनात्मक कार्यों में संलग्न रहते हैं। देवी चित्रलेखा का आशीर्वाद प्राप्त करने से व्यक्ति की रचनात्मकता में वृद्धि होती है, और उसे अपनी कला में महारत हासिल होती है।

देवी चित्रलेखा और महाभारत

महाभारत के संदर्भ में देवी चित्रलेखा का उल्लेख नहीं मिलता है, लेकिन उनके बारे में अन्य पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। उनके चित्रकला के प्रति अद्वितीय प्रेम और योगदान के कारण वे कला और संस्कृतियों की देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।

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पूजा विधि

देवी चित्रलेखा की पूजा विशेष रूप से उन कलाकारों, चित्रकारों, संगीतज्ञों, और कारीगरों द्वारा की जाती है, जो अपने कार्यों में उत्कृष्टता और रचनात्मकता की तलाश में रहते हैं। पूजा करते समय एक विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है, जो उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए लाभकारी माना जाता है।

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मंत्र
“ॐ चित्रलेखायै नमः”
यह मंत्र देवी चित्रलेखा की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।

निष्कर्ष

देवी चित्रलेखा एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण देवी हैं, जो कला, रचनात्मकता और सौंदर्य की संरक्षिका मानी जाती हैं। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में कला के प्रति प्रेम और रचनात्मकता का विकास होता है। कला के क्षेत्र में सफलता की कामना करने वाले भक्त देवी चित्रलेखा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा करते हैं।

19 जनवरी का इतिहास

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