Raja Ravi Verma – राजा रवि वर्मा

Raja Ravi Verma - राजा रवि वर्मा

राजा रवि वर्मा—एक ऐसा नाम, जिसने भारतीय चित्रकला को नई पहचान दी। उनके रंगों में संस्कृति की गहराई थी, तो रेखाओं में भावनाओं की कोमलता। उन्होंने देवी-देवताओं, महाकाव्यों और लोक जीवन को अपनी तूलिका से इस तरह सजाया कि हर चित्र मानो बोल उठे। उनकी कला ने परंपरा और आधुनिकता के बीच एक सेतु का काम किया, जिसने भारतीय चित्रकला को आम लोगों तक पहुँचाया और उसे जन-जन के हृदय से जोड़ दिया।

Raja Ravi Verma Biography – राजा रवि वर्मा जीवनी

जन्म29 अप्रैल 1848
पेशाचित्रकार
विवाहभागीरथी बाई 
मृत्यु2 अक्टूबर 1906

जीवन

राजा रवि वर्मन का जन्म 29 अप्रैल 1848 को केरल के एक छोटे से शहर किलिमानूर में एक क्षत्रिय परिवार में हुआ। पाँच वर्ष की छोटी सी आयु में ही उन्होंने अपने घर की दीवारों को दैनिक जीवन की घटनाओं से चित्रित करना प्रारम्भ कर दिया था। उनके चाचा कलाकार राज राजा वर्मन ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और कला की प्रारम्भिक शिक्षा दी। चौदह वर्ष की आयु में वे उन्हें तिरुवनंतपुरम ले गये जहाँ राजमहल में उनकी तैल चित्रण की शिक्षा हुई। बाद में चित्रकला के विभिन्न आयामों में दक्षता के लिये उन्होंने मैसूर, बड़ौदा और देश के अन्य भागों की यात्रा की।

कलाकृतियाँ

चित्रकला की शिक्षा उन्होंने मदुरै के चित्रकार अलाग्री नायडू तथा विदेशी चित्रकार श्री थियोडोर जेंसन से, जो भ्रमणार्थ भारत आये थे, पायी थी। दोनों यूरोपीय शैली के कलाकार थे। श्री वर्मा की चित्रकला में दोनों शैलियों का सम्मिश्रण दृष्टिगोचर होता है। उन्होंने लगभग ३० वर्ष भारतीय चित्रकला की साधना में लगाए। मुंबई में लीथोग्राफ प्रेस खोलकर उन्होंने अपने चित्रों का प्रकाशन किया था। उनके चित्र विविध विषय के हैं किन्तु उनमें पौराणिक विषयों के और राजाओं के व्यक्ति चित्रों का आधिक्य है। विदेशों में उनकी कृतियों का स्वागत हुआ, उनका सम्मान बढ़ा और पदक पुरस्कार मिले। पौराणिक वेशभूषा के सच्चे स्वरूप के अध्ययन के लिए उन्होंने देशाटन किया था।

उनकी कलाकृतियों को तीन प्रमुख श्रेणियों में बाँटा गया है।

  • प्रतिकृति या पोर्ट्रेट,
  • मानवीय आकृतियों वाले चित्र तथा
  • इतिहास व पुराण की घटनाओं से सम्बन्धित चित्र।

यद्यपि जनसाधारण में राजा रवि वर्मा की लोकप्रियता इतिहास पुराण व देवी देवताओं के चित्रों के कारण हुई लेकिन तैल माध्यम में बनी अपनी प्रतिकृतियों के कारण वे विश्व में सर्वोत्कृष्ट चित्रकार के रूप में जाने गये। आज तक तैलरंगों में उनकी जैसी सजीव प्रतिकृतियाँ बनाने वाला कलाकार दूसरा नहीं हुआ। उनका देहान्त 2 अक्टूबर 1906 को हुआ।

रोचक तथ्य

image 16 Raja Ravi Verma - राजा रवि वर्मा
राजा रवि वर्मा की कलाकृति- ग्वालिन

विश्व की सबसे महँगी साड़ी राजा रवि वर्मा के चित्रों की नकल से सुसज्जित है। बेशकीमती 12 रत्नों व धातुओं से जड़ी, 40 लाख रुपये की साड़ी को दुनिया की सबसे महँगी साड़ी के तौर पर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड में शामिल किया गया।

अक्टूबर २००७ में उनके द्वारा बनाई गई एक ऐतिहासिक कलाकृति, जो भारत में ब्रिटिश राज के दौरान ब्रितानी राज के एक उच्च अधिकारी और महाराजा की मुलाक़ात को चित्रित करती है, 1.24 मिलियन डॉलर में बिकी। इस पेंटिंग में त्रावणकोर के महाराज और उनके भाई को मद्रास के गवर्नर जनरल रिचर्ड टेम्पल ग्रेनविले को स्वागत करते हुए दिखाया गया है। ग्रेनविले 1880 में आधिकारिक यात्रा पर त्रावणकोर गए थे जो अब केरल राज्य में है।

फ़िल्म निर्माता केतन मेहता ने राजा रवि वर्मा के जीवन पर फिल्म बनायी। मेहता की फिल्म में राजा रवि वर्मा की भूमिका निभायी अभिनेता रणदीप हुड्डा ने। फिल्म की अभिनेत्री है नंदना सेन। इस फिल्म की खास बात यह है कि इसे हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में एक साथ बनाया गया है। अंग्रेजी में इस फिल्म का नाम है कलर ऑफ पैशन्स वहीं हिन्दी में इसे रंग रसिया नाम दिया गया।

मुख्य कृतियाँ

  • इंद्रजित-विजय
  • भिखारी कुटुंब
  • स्त्री तंतुवाद्य वाजवताना
  • स्त्री देवळात दान देतांना
  • राम की वरुण-विजय
  • नायर जाति की स्त्री
  • प्रणयरत जोडे
  • द्रौपदी किचक-भेटीस घाबरत असताना
  • शंतनु व मत्स्यगंधा
  • शकुंतला राजा दुष्यंतास प्रेम-पत्र लिहीता
  • रावण द्वारा रामभक्त जटायु का वध
  • खेड्यातिल कुमारी
  • विचारमग्न युवती
  • दमयंती-हंसा संभाषण
  • संगीत सभा
  • अर्जुन व सुभद्रा
  • फल लेने जा रही स्त्री
  • विरहव्याकुल युवती
  • तंतुवाद्यवादक स्त्री
  • शकुन्तला
  • कृष्णशिष्टाई
व्यक्तित्व से सम्बंधित यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना न भूलें और देश-दुनिया, राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, लाइफस्टाइल से जुड़ी हर खबर सबसे पहले जानने के लिए UltranewsTv वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें।
Baldev Raj Chopra

बी. आर. चोपड़ा – BR Chopra

शकुन्तला देवी | Human Computer Shakuntala Devi

शकुंतला देवी – Shakuntala Devi

Shakeel Badayuni

शकील बदायूनी – Shakeel Badayuni : पुण्यतिथि विशेष

Total
0
Shares
Leave a Reply
Previous Post
नरेंद्र मोदी को यूनुस से क्या पूछ लिया?

नरेंद्र मोदी को यूनुस से क्या पूछ लिया?

Next Post
हावड़ा में रामनवमी के जुलूस को हाई कोर्ट की मंज़ूरी के बाद क्या कह रहे हैं बीजेपी नेता

हावड़ा में रामनवमी के जुलूस को हाई कोर्ट की मंज़ूरी के बाद क्या कह रहे हैं बीजेपी नेता

Related Posts
भारत के प्रखर राजनीतिज्ञ थे कांशीराम

कांशीराम – Kanshi Ram

राजनीती में ऐसे बहुत से राजनीतिज्ञ है जिन्होंने भारतीय राजनीति को प्रखर बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है।…
Read More
AAFocd1NAAAAAElFTkSuQmCC भगत सिंह - Bhagat Singh

भगत सिंह – Bhagat Singh

“इंकलाब जिंदाबाद”(“क्रांति अमर रहे”) का नारा देने वाले शाहिद अमर भगत सिंह(शाहिद-ए-आज़म), भारत की आजादी में अपनी जवानी,…
Read More
Total
0
Share